ऑल इंडिया उद्योग व्यापार प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री को मेल के जरिए 3 सूत्री मांगों को लेकर भेजा ज्ञापन

कोरोना आपदा काल मे चौपट हुए व्यापार को लेकर आज धर्मनगरी हरिद्वार मे ऑल इंडिया उद्योग व्यापार प्रतिनिधियों की एक बैठक नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष संजय चोपड़ा के नेतृत्व में आयोजित की गई इस बैठक के ज़रिए इन व्यापारियों प्रतिनिधियों ने अपनी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर एक मेल के द्वारा उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा है। इस ज्ञापन में व्यापारियों द्वारा मांग की गई है कि उत्तराखंड राज्य में गुजरात की तर्ज पर उत्तराखंड व्यापार आयोग का गठन किया जाए। कोविड-19 की वैश्विक महामारी के चलते व्यापारियों का व्यापार पूर्ण रूप से चौपट हो चुका है। उत्तराखंड के समस्त व्यापारियों को राज्य सरकार की ओर से दस लाख की सहायता राशि लोन के रूप में दी जाए। व्यापारियों को बिजली पानी के बिल और बच्चों की स्कूल फीस एक वर्ष कि माफ की जाए।


आल इंडिया उद्योग व्यापार प्रतिनिमण्डल के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष संजय चोपड़ा द्वारा गोविंद भवन स्थित कार्यलय पर समाजिक दूरी के साथ व्यापारी संगठनों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित कर संगठन के सदस्य अभियान का शुभारंभ किया। इस दौरान संजय चोपड़ा ने बताया कि बैठक में निर्णय लिया कि 4 सप्ताह तक ऑल इंडिया उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल का सदस्य अभियान जारी रहेगा, साथ ही व्यापारियों की तीन सूत्रीय मांगों को लेकर ईमेल द्वारा मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को ज्ञापन प्रेषित किया गया है। ज्ञापन में मांग की उत्तराखंड राज्य में गुजरात की तर्ज़ पर उत्तराखंड व्यापार आयोग का गठन किया जाए ज्ञापन में यह भी मांग की। कोविड-19 की वैश्विक महामारी के चलते व्यापारियों का व्यापार पूर्ण रूप से चोपट हो चुका है। इसके दृष्टिगत उत्तराखंड के सभी समस्त मध्यम व्यापारियों को राज्य सरकार की और से दस लाख की सहायता राशि कर्ज़ के रूप में लोन प्रक्रिया के माध्यम से दी जाए व ज्ञापन में यह भी मांग की व्यापारियों की आर्थिक तंगी के दृष्टिगत बिजली पानी के बिल व बच्चो की स्कूल फीस एक वर्ष 2020 की माफ की जाएं।


कोरोना संक्रमण आपदा की मार झेल रहे हरिद्वार के व्यापारियों ने आज एक बैठक का आयोजन कर अपने प्रतिनिधियों के द्वारा एक ज्ञापन रूपी ईमेल उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को प्रेषित किया है और उत्तराखंड सरकार से मांग की है कि वे व्यापारियों की विभिन्न मांगों को पूरा करें। अब देखने वाली बात यह होगी कि हरिद्वार के बदहाल व्यापारियों की कितनी सुध उत्तराखंड सरकार द्वारा ली जाती है और किस तरह की सुविधाएं इन व्यापारियों की बदहाल हालत को सुधारने के लिए सरकार द्वारा मुहैया कराई जाती है।