उत्तराखण्ड क्रिकेट को बीसीसीआई की मान्यता के आसार।

क्रिकेट विश्व कप का रोमांच चरम पर है, और स्टार खिलाड़ी अपनी प्रतिभा का लोहा भी मनवा रहे हैं, वहीं कई खिलाड़ियों का विश्व कप में खेलने का सपना भी पूरा हो रहा है। तो वहीं दूसरी तरफ उत्तराखण्ड के खिलाड़ियों का भारतीय टीम में खेलने का सपना अभी सपना ही बना हुआ है। क्योंकि अभी तक राज्य में किसी भी क्रिकेट संघ को बीसीसीआई की मान्यता नहीं मिल पाई है। राज्य में क्रिकेट का संचालन कौंन करेगा अभी तक यह महज सवाल बना हुआ है, लेकिन अब जल्द इसका जवाब मिलने के आसार बनते नजर आ रहे हैं| इस माह उत्तराखण्ड क्रिकेट को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लिये जा सकते हैं। जून के दूसरे सप्ताह में राज्य की चारों एशोसिएशन से बातचीत करने के लिए एक टीम देहरादून आ सकती है। 23 फरवरी को दिल्ली में हुई बैठक में सीओए विनोद राय ने चारों एशोसिएशन को निर्देश दिए थे कि वह एकजुट होकर नई फेडरेशन बनाएं, जिसे बीसीसीआई से क्रिकेट संचालन की मान्यता दी जाएगी। इसके लिए यूसीसीसी संयोजक रत्नाकर शेट्टी को पांच मार्च को देहरादून में सभी राज्य संघों के साथ बैठक कर आगे की रणनीति तैयार करने को कहा था। लेकिन अचानक शेट्टी का स्वास्थ्य बिगड़ने से बैठक नहीं हो पाई। जिसके बाद अब बैठक होने की बात सामने आ रही है। जिसमें उत्तराखण्ड क्रिकेट की मान्यता या अन्य विकल्प पर महत्वपूर्ण निर्णय लिया जा सकता है। इस बैठक को इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है कि 22 अक्टूबर को बीसीसीआई के चुनाव प्रस्तावित हैं। सुप्रीम कोर्ट द्वारा चयनित प्रशासकों की समिति सीओए के निर्देशानुसार सभी राज्यों को चुनाव प्रक्रिया में शामिल किया जाना है। ऐसे में सीओए की गाइडलाइन के अनुसार एक जुलाई तक सभी राज्यों को राज्य संघ की ओर से वोट करने वाले एक अधिकारी का नाम बीसीसीआई को भेजना है। लेकिन उत्तराखण्ड में अभी तक मान्यता का मामला लटका हुआ है।ऐसे में राज्य से कौंन वोट करेगा यह एक बड़ा सवाल है, इस सवाल का जवाब भी इस बैठक में मिलने की संभावना है।