भालू के हमले में महिला गंभीर घायल! एयरलिफ्ट कर भेजा एम्स, दहशत में ग्रामीण
चमोली। उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में इन दिनों लगातार भालू के आतंक से ग्रामीण लगातार घायल हो रहे हैं। भालू का हमला अधिकांश पर्वतीय अंचलों वाले क्षेत्रों में देखने को मिल रहा है। लेकिन धीरे-धीरे भालू अब गांव के आसपास एवं ग्रामीण अंचल के बाजारों के आसपास भी दिखाई देने लगे हैं। ताजा घटना चमोली जनपद के पोखरी विकासखंड की है, बुधवार को पोखरी विकासखंड के पाव गांव की महिला चारापत्ती लेने जंगल गई थी। दोपहर तक जब महिला घर नहीं पहुंची तो परिजनों ने महिला की ढूंढ खोज की। महिला का कुछ भी पता नहीं चलने से परिजनों एवं ग्रामीणों में दहशत का माहौल बन गया। जिसकी सूचना परिजनों ने थाना पोखरी तथा वन विभाग को सूचना दी। रेस्क्यू टीम के साथ-साथ ग्रामीण, पुलिस और वन विभाग की टीम जंगल में महिला की तलाश में जुटे। लेकिन महिला का जंगल में कुछ भी पता नहीं चला, लेकिन जंगल में खून के धब्बे, महिला के फटे हुए कपड़े मिले।
लगातार ढूंढखोज के बाद महिला का कुछ भी पता नहीं चल पाया। अंधेरा ज्यादा होने से रेस्क्यू टीम को दिक्कतों का सामना करना पड़ा और रेस्क्यू टीम देर रात को ही वापस लौट गई। लेकिन बृहस्पतिवार की सुबह फिर से रेस्क्यू टीम जंगल की ओर निकली तो महिला की चिल्लाने की आवाज से परिजन और रेस्क्यू टीम महिला की तरफ बढ़ी तो महिला एक चट्टान पर डरे सहमे और दर्द से चिल्ला रही थी। भालू के हमले से महिला पूरी तरह घायल हो गई। थानाध्यक्ष पोखरी देवेंद्र पंत का कहना है कि घायल महिला का नाम राजेश्वरी देवी पत्नी अनिल कुमार उम्र 50 वर्ष बताया जा रहा है। घायल महिला को पुलिस वन विभाग एवं ग्रामीणों की मदद से स्टेचर से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पोखरी लाया गया, यहां महिला का प्राथमिक उपचार किया गया। लेकिन गंभीर स्थिति को देखते हुए महिला को एयरलिफ्ट से एम्स भेजा गया है। गौर हो कि उत्तराखंड में ठंड बढ़ने के साथ ही भालू उच्च हिमालयी क्षेत्रों से मध्य हिमालयी क्षेत्रों में पहुंच जाते हैं। अक्सर भालू गांव के आसपास जंगलों में डेरा डाले रहते हैं। ऐसे में चारापत्ती लेने जंगल गए लोगों पर भालू हमला कर रहे हैं। लोग वन विभाग के अधिकारियों को भालू के आतंक से निजात दिलाने की मांग कर रहे हैं। पौड़ी जिले में भी छाया भालू: चमोली जिले में भी भालू के हमलों से ग्रामीण खौफजदा है। जिले में लगातार भालू के हमले की खबरें सामने आ रही हैं। गुलदार के हमले के बाद पाबौ, पैठणी, थलीसैंण और बीरोंखाल क्षेत्रों में ग्रामीण भालू की धमक से खौफ के साए में हैं।