उत्तराखण्डः जैव प्रौद्योगिकी परिषद पटवाडांगर में ‘एंटीप्रिन्योरशिप डेवलपमेंट प्रोग्राम इन एनिमल हस्बेन्ड्री’ विषय पर सेमिनार आयोजित! वैज्ञानिकों ने छात्रों को दिए सफलता के मंत्र

Uttarakhand: Seminar on 'Antientrepreneurship Development Program in Animal Husbandry' organized in Biotechnology Council, Patwadangar! Scientists gave lectures, gave success mantras to students

नैनीताल। उत्तराखण्ड जैव प्रौद्योगिकी परिषद के पटवाडांगर में गुरूवार 26 अक्टूबर को ‘एंटीप्रिन्योरशिप डेवलेपमेंट प्रोग्राम इन एनिमल हस्बेन्ड्री’ विषय पर सेमिनार आयोजित किया गया। इस दौरान वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रो. के रवि कुमार, डॉ. श्रीनिवास रेड्डी, डॉ. केटी आनंदा कुमार एवं डॉ. अब्दुल मुनिफ आदि कार्यक्रम से जुड़े। इस मौके पर परिषद के निदेशक डॉ. संजय कुमार ने विकास एवं शोध कार्यों के बारे में चर्चा की। इस दौरान प्रो. संजय कुमार ने सेमिनार में कर्नाटक से आए सभी वैज्ञानिकों का आभार व्यक्त किया।

इसके बाद पटवाडांगर के प्रभारी डॉ. सुमित पुरोहित ने संस्थान में पीटीसी प्रयोगशाला में टिश्यू कल्चर विधि से संचालित किए जा रहे शोध कार्यक्रम से सभा को अवगत कराया। कहा गया कि युवा बायौटैक्नोलॉजिस्ट्स उत्तराखण्ड में विभिन्न प्रकार की जड़ी बूटियों बहुतायत में पाए जाने के कारण सेमिनार के संदर्भ में स्वयं का स्टार्टअप शुरू कर सकते हैं। कहा कि उत्तराखण्ड में एंट्रीप्रिन्योरशिप डेवलेपमेंट’ के जरिए कई महिलाओं द्वारा मिलिट के बिस्किट विक्रय करना शुरू किया है।

उन्होंने एंट्रीप्रिन्योरशिप डेवलेपमेंट व कुक्कुट पालन की महत्ता पर भी प्रकाश डाला। इसके बाद डॉ. के रवि कुमार ने कहा कि छात्र जिस भी प्रोफेशन में हैं उसे एकाग्रता के साथ फॉलो करें। कहा कि एकाग्रचित दृष्टिकोण से अपने लक्ष्य के अग्रसर होकर सफलता अवश्य मिलेगी। डॉ. श्रीनिवास रेड्डी ने कहा कि युवा छात्रों को अपना मन केन्द्रित करना चाहिए, जिससे उन्हें सफलता मिलेगी। डॉ. रेड्डी ने कहा कि किसानों व दूध विक्रेताओं को उनके उत्पादों का वर्तमान में उचित मूल्य व लाभ नहीं मिल पा रहा है।

उन्होंने कॉपरेटिव सेक्टर व छात्रों हेतु एंटीप्रिन्योरशिप डेवलपमेंट द्वारा रोजगार के अवसरों पर भी विचार व्यक्त किए। डॉ. आनंद कुमार ने पिकारीज, रेबिट पालन व कुक्कुट पालन पर व्याख्यान दिया। डॉ. कुमार ने भेड़ व बकरी के मांस उत्पादन पर प्रकाश डाला। कहा कि एंटीप्रिन्योरशिप डेवलेपमेंट से देश में अपार संभावनाएं हैं व इससे देश की आर्थिकी भी मजबूत होगी। कार्यक्रम का संचालन आरती बिष्ट ने किया। कार्यक्रम में पॉल कॉलेज, अमरावती कॉलेज, ग्राफिक ऐरा यूनिवर्सिटी भीमताल, बिरला संस्थान, एबीपीजी कॉलेज हल्द्वानी के प्राध्यापकों व 80 छात्रों ने प्रतिभाग किया। इस दौरान अंजू, मेहक, प्रीती, पूजा, नितिन, कॉजल, अजय, हिम्मत सिंह, काजल फुलारा, किशन सिंह आदि मौजूद रहे।