उत्तराखण्डः रैगिंग को रोकने के मामले में सुनवाई! हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा सवाल, 17 नवंबर को होगी अगली सुनवाई
नैनीताल। उत्तराखण्ड हाईकोर्ट में उच्च शिक्षण संस्थानों, व्यवसायिक व मेडिकल कॉलेजों में रैगिंग को रोकने के मामले में सुनवाई हुई। आज हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट की खंडपीठ ने राज्य सरकार से पूछा है कि रैगिंग को रोकने के लिए क्या कोई कानून बनाया जा रहा है। केंद्र सरकार, उत्तराखंड सरकार व नेशनल मेडिकल कमीशन ने एफिडेविट फाइल कर कहा है कि किसी भी कालेज या मेडिकल सस्थानों में कोई रैगिंग नही हुई है। जबकि याचिकाकर्ता के अधिवक्ता का कहना है कि झूठे शपथ पत्र देकर कोर्ट को गुमराह किया जा रहा है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने मामले में याचिकाकर्ता से रिजाईडर दाखिल करने को कहा है। मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट ने 17 नवंबर की तिथि नियत की है। पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में जिला निगरानी समिति गठित करने के निर्देश सरकार को देने के साथ ही प्रत्येक विश्व विद्यालय में एंटी रैगिंग सेल गठित करने को कहा है। हाईकोर्ट ने रैगिंग रोकने के लिये उच्च शिक्षण संस्थानों के लिये कई दिशा-निर्देश जारी करते हुए कहा है कि इन निर्देशों का पालन करना प्रत्येक संस्थान के मुखिया की जिम्मेदारी होगी। यदि किसी संस्थान में रैगिंग की शिकायत मिलती है तो इसके लिये उस संस्थान का मुखिया जिम्मेदार होगा।