खबर चिंतित करती हैः तो क्या खांसी की दवा ले रही जान? मध्य प्रदेश और राजस्थान में सात बच्चों की मौत! शुरूआती जांच में कप सिरप को माना जा रहा कारण, जानें क्या है पूरा मामला?

नई दिल्ली। मध्य प्रदेश और राजस्थान से हैरान और परेशान करने वाले मामले सामने आए हैं, यहां हाल के हफ्तों में बच्चों में गंभीर बीमारियों के मामलों में अचानक इजाफा हुआ है। दोनों राज्यों में अब तक सात बच्चों की मौत हुई है। सबसे ज्यादा मौतें मध्यप्रदेश में दर्ज की गई हैं। यहां पर छह बच्चों ने दम तोड़ दिया है, वहीं एक की हालत गंभीर बताई जा रही है। जबकि राजस्थान में एक बच्चे की मौत हो चुकी है, कई बच्चों का अस्पताल में इलाज चल रहा है। दोनों राज्यों में शुरुआती जांच में खांसी की दवा को कारण माना जा रहा है, हालांकि अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है। कई रिपोर्ट आना बाकी है। छिंदवाड़ा कलेक्टर शीलेंद्र सिंह ने बताया कि परासिया समेत विभिन्न इलाकों में बच्चों को सर्दी खांसी हो रही थी। अगस्त और सितंबर महीने में ऐसे मामलों में इजाफा हुआ। इलाज के लिए बच्चों को अस्पताल ले जाया गया। वहां पर बच्चों का इलाज शुरू हुआ। अगस्त के आखिरी हफ्ते में कुछ बच्चों की तबीयत ज्यादा खराब हो गई। ऐसा तब हुआ जब बच्चों को खांसी, बुखार और सर्दी रोकने के लिए दवा दी गई। सीएमएचओ डॉ. नरेश गुन्नाडे के मुताबिक 24-25 अगस्त को ऐसे मामलों की संख्या बढ़ गई। सिंतबर के पहले हफ्ते में बच्चों की तबीयत ज्यादा खराब होने लगी और एक बच्चे की मौत हो गई। प्रशासन के अनुसार बच्चों का बुखार कम नहीं हो रहा था और पेशाब करने में उनको परेशानी हो रही थी। प्रशासन ने अलग.अलग इलाकों से पानी के सैंपल लिए और जांच के लिए पुणे भेजे। जब बच्चों की मौत का आंकड़ा बढ़ने लगा तो दिल्ली और भोपाल से टीमें छिंदवाड़ा पहुंची। अलग-अलग इलाकों से पानी के सैंपल लिए गए। पर किसी बैक्टीरिया या वायरस की पुष्टि नहीं हुई। इसके बाद कुछ बच्चों को नागपुर में भर्ती कराया गया। वहां पर चार बच्चों की मौत हो गई। इसके बाद इन बच्चों की किडनी की बॉयोप्सी करवाई गई। इसमें खुलासा हुआ कि सिरप में डायएथिलीन ग्लायकॉल खराब है। सीएमएचओ ने बताया कि सभी टीमों की मीटिंग के बाद ये पाया गया कि कुछ दवाएं भी बच्चों पर गलत असर डाल सकती हैं, इस वजह से अभी कोल्ड्रिफ कफ सिरप की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। साथ ही सलाह दी गई है। इसका इस्तेमाल सावधानी पूर्वक किया जाए। जांच रिपोर्ट आने के बाद इस सिरप के असर के बारे में कुछ पुख्ता तौर पर कहा जा सकता है।
इधर राजस्थान में बच्चों को दी जा रही खांसी की दवा से साइड इफेक्ट के मामले लगातार सामने आए हैं। बांसवाड़ा, भरतपुर और सीकर के बाद अब राजधानी जयपुर में भी बच्चों की तबीयत खराब होने का सिलसिला शुरू हुआ है। यहां पर भी बच्चों को सर्दी खांसी की दवा दी गई। दवा डेक्सट्रोमेथॉरफन हाइड्रोब्रोमाइड सिरप दी गई थी। सीकर जिले में सरकारी अस्पताल में 5 साल के नितियांस को दवा दी गई। इसके बाद उसकी सांसे रुकने लगीं। परिजनों के अनुसार नितियांस को कई दिनों से खांसी की शिकायत थी। उसकी मां खुशी उसे नजदीकी चिराना सीएचसी लेकर गई, जहां उसे खांसी के इलाज के लिए सिरप दिया गया। रात करीब 11ः30 बजे दवा बच्चे को पिलाई गई। रात करीब 3ः30 बजे बच्चे को हिचकी आनी शुरू हुई। मां ने पानी पिलाया, लेकिन सुबह तक बच्चा जागा नहीं। इसके बाद परिजन उसे सीकर के अस्पताल लेकर गए, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।