ये तो हद ही हो गईः निकाय चुनाव! वोटर लिस्ट से ही गायब कर दिया गया पूर्व सीएम का नाम, लोगों को मतदान के लिए जागरूक करने वाले पत्रकार भी ढूंढ़ते रहे अपना नाम

This is too much: civic elections! Former CM's name disappeared from the voter list, journalists who made people aware about voting also kept searching for their names.

देहरादून/रुद्रपुर। उत्तराखंड में आज निकाय चुनाव को लेकर मतदान हुआ। सुबह से ही मतदाताओं में खासा उत्साह देखने को मिला, जो देर शाम तक जारी रहा। लेकिन कई जगहों पर मतदाताओं का उत्साह उस समय फीका पड़ गया, जब उनका नाम वोटर लिस्ट से गायब मिला। हैरानी की बात तो ये है कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का वोट भी कट गया। आज जब वह वोट डालने की तैयारी कर रहे थे तो पता चला कि उनका नाम मतदाता सूची में ही नहीं है। मीडिया से बातचीत में पूर्व सीएम रावत ने कहा कि उन्हें बड़ा धक्का लगा है। मैंने माजरा से लोकसभा चुनाव में वोट दिया था। यहां बीएलओ भी आया था। यहां भी किराए पर रहते हैं। पहले राजपुर में किराए पर रहता था लेकिन वोट माजरा में था। अब कहीं नहीं है। उन्होंने इस संबंध में राज्य निर्वाचन आयोग में बात की तो जवाब मिला कि अभी सर्वर डाउन है। पूर्व सीएम रावत ने कहा कि उन्हें गहरा दुख है। हजारों लोगों के नाम काट दिए गए। वहीं कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा दसौनी और उनके परिवार के अन्य सदस्यों का नाम भी मतदाता सूची से गायब मिला। 
मामला यहीं नहीं थमा उत्तराखंड हाइकोर्ट के जज मनोज तिवारी सहित तमाम पत्रकार और कई लोगों के नाम भी वोटर लिस्ट गायब मिला, जिसके बाद लोगों में खासा आक्रोश देखने को मिल रहा है। हैरानी की बात तो ये भी कि जो पत्रकार मतदाताओं को मतदान के लिए प्रेरित कर रहे थे, उन्हीं के नाम वोटर लिस्ट से गायब मिले। अब इसे प्रशासनिक लापरवाही कहें या फिर कुछ और! जो भी हो इस बार निकाय चुनाव में कई बातें हैरान करने वाली थीं।