दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के तेज झटके,घरों से बाहर निकले लोग; 10 सेकेंड तक कांपी धरती

नई दिल्ली। गुरुवार सुबह दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। यह झटके सुबह करीब 9 बजकर 4 मिनट पर आए. भूकंप के कारण लोग अपने घरों और दफ्तरों से बाहर निकल आए, जमीन 10 सेकेंड तक हिलती रही।
राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार, इस भूकंप का केंद्र हरियाणा के झज्जर जिले में था। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.4 मापी गई है। झज्जर में करीब दो मिनट के अंदर दो बार झटके महसूस किए गए. पहला झटका सुबह 9 बजकर 7 मिनट पर और दूसरा हल्का झटका 9 बजकर 10 मिनट पर आया। इससे आसपास के इलाके भी हिल गए और लोग डरे हुए थे। दिल्ली, नोएडा, गाज़ियाबाद, गुरुग्राम, बहादुरगढ़, भिवानी और झज्जर में भूकंप के झटके महसूस किए गए. लोगों ने बताया कि दीवारें हिलने लगीं, और कई जगहें हड़कंप मच गया. गाजियाबाद में एक व्यक्ति ने कहा कि वह दुकान पर था जब झटका महसूस हुआ, ऐसा लगा जैसे दुकान हिल रही हो। फिलहाल भूकंप के कारण किसी भी तरह के जान-माल के नुकसान की खबर नहीं आई है। प्रशासन और आपदा विभाग ने स्थिति पर नजर रखी हुई है और लोगों को सावधानी बरतने के लिए कहा गया है। भूकंप के समय लोगों को अपने घरों में सुरक्षित स्थानों पर रहने या बाहर खुली जगहों पर आने की सलाह दी गई है।
दिल्ली और उसके आस-पास का इलाका भूकंप के लिहाज से संवेदनशील माना जाता है क्योंकि यह ज़ोन-4 में आता है। यहां भूगर्भीय प्लेटों की हलचल के कारण समय-समय पर भूकंप आते रहते हैं। पिछले कुछ महीनों में भी इस क्षेत्र में भूकंप के कई छोटे झटके दर्ज किए गए हैं, जिससे लोगों में सतर्कता बढ़ी है। दिल्ली-एनसीआर के अलावा देश के अन्य हिस्सों जैसे असम, अंडमान सागर में भी हाल ही में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। पड़ोसी देशों नेपाल और पाकिस्तान में भी जून के अंत में तेज भूकंप आए थे। धरती के अंदर सात प्रमुख टेक्टोनिक प्लेट्स होती हैं, जो लगातार धीरे-धीरे हिलती-डुलती रहती हैं। ये प्लेट्स एक-दूसरे से टकराती हैं, रगड़ती हैं या कभी-कभी एक प्लेट दूसरी के ऊपर चढ़ जाती है। जब ये घटनाएं होती हैं, तब जमीन में कंपन यानी हिलने-डुलने की स्थिति बनती है। यही कारण होता है कि हमें भूकंप के झटके महसूस होते हैं। भूकंप की तीव्रता को रिक्टर स्केल पर मापा जाता है, जो 1 से लेकर 9 तक होती है। भूकंप की तीव्रता भूकंप के केंद्र से मापी जाती है,यानी जहां से भूकंप शुरू होता है। जितनी अधिक तीव्रता होती है, उतना ही भूकंप खतरनाक माना जाता है. तीव्रता 9 तक के भूकंप को सबसे भयानक और विनाशकारी माना जाता है।