तो क्या दिल्ली में लग सकता है राष्ट्रपति शासन! राष्ट्रपति ने गृह मंत्रालय भेजी विधायकों की चिट्ठी, जानें ज्ञापन में क्या है...

So can President's rule be imposed in Delhi? President sent letter to MLAs to Home Ministry, know what is in the memorandum...

नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है। खबरों की मानें तो दिल्ली के बीजेपी विधायकों ने दिल्ली सरकार को बर्खास्त करने की मांग को लेकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की थी। इस दौरान उन्हें ज्ञापन भी सौंपा गया था। बताया जा रहा है कि अब इस ज्ञापन पर राष्ट्रपति सचिवालय की ओर से संज्ञान लिया गया है। इस ज्ञापन को गृह मंत्रालय को भेजा गया है। सचिवालय का कहना है कि इसपर उचित ध्यान देने की जरूरत है। 30 अगस्त को राष्ट्रपति से मुलाकात के दौरान बीजेपी ने दिल्ली सरकार को बर्खास्त करने की मांग की और दावा किया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के जेल जाने से ‘संवैधानिक संकट’ पैदा हो गया है।

राष्ट्रपति को भेजे ज्ञापन में कहा गया कि दिल्ली सरकार छठे वित्त आयोग का गठन करने में असफल रही है। अप्रैल 2021 से यह लंबित है। ज्ञापन में बीजेपी विधायकों ने कहा कि आम आदमी पार्टी सरकार के चलते दिल्ली में संवैधानिक संकट गहरा गया है। प्रशासनिक व्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो गई है। दिल्ली सरकार ने एक के बाद एक कई अनियमितताएं की हैं। शराब पॉलिसी, जल बोर्ड में वित्तीय अनियमितता सहित कई मामले हैं। बीजेपी विधायकों ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना दिल्ली में लागू नहीं हुई है और हजारों करोड़ रुपये का फंड बंद हो गया है। चूंकि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जेल में हैं, इसलिए सरकार काम नहीं कर रही है। राष्ट्रपति के साथ बीजेपी विधायकों की बैठक के बाद आम आदमी पार्टी का बयान भी सामने आया था। आम आदमी पार्टी ने कहा कि बीजेपी का राष्ट्रपति के साथ मुलाकात करना दर्शाता है कि उन्होंने आगामी दिल्ली विधानसभा चुनावों में हार स्वीकार कर ली है। पार्टी ने कहा था, ‘बीजेपी को संविधान की कोई परवाह नहीं है और उसने बार-बार इस पर हमला किया है। जहां भी बीजेपी चुनाव नहीं जीत पाती, वह राज्य की निर्वाचित सरकार के काम को बाधित करने के एकमात्र मकसद से पैरेलल सरकार चलाने की कोशिश करती है।

राष्ट्रपति सचिवालय की ओर से दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता को लिखे पत्र में कहा है, ‘यह पत्र भारत के राष्ट्रपति को लिखे गए 30 अगस्त 2024 के आपके पत्र की प्राप्ति को स्वीकार करता है, जिस पर दिल्ली विधानसभा के सात अन्य विधायकों और एक पूर्व विधायक ने संयुक्त रूप से हस्ताक्षर किए हैं। इसपर उचित ध्यान के लिए इसे गृह मंत्रालय के गृह सचिव को भेज दिया गया है।’ वहीं आप सरकार ने इसे लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।