दुखदः जिंदगी की जंग हार गई ‘चेतना’! 10 दिन बाद बोरवेल से बाहर निकाली गई, डॉक्टरों ने किया मृत घोषित
नई दिल्ली। करीब 10 दिन से बोरवेल में फंसी राजस्थान की तीन साल की चेतना जिंदगी की जंग हार गई। कड़ी मशक्कत के बाद आज 10 दिन बाद चेतना को बोरवेल से बाहर निकाला गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इससे पहले 170 फीट गहरे टनल से बच्ची को निकालकर अस्पताल में एडमिट कराया गया था। बताया जा रहा है कि डाक्टर ने तीन साल की बच्ची चेतना को मृत घोषित कर दिया और उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। कोटपुतली के बीडीएम अस्पताल में पोस्टमार्टम चल रहा है। 10 दिन चले रेस्क्यू ऑपरेशन में एनडीआरएफ की टीम को काफी मशक्कत करनी पड़ी। रेस्क्यू टीम ने जिस बोरवेल में चेतना गिरी थी, उसके बराबर एक सुरंग खोदकर 10 दिन बाद उसे बाहर निकाला। इससे पहले आज सुबह करीब 11ः30 बजे रेस्क्यू टीम ने बोरवेल के आसपास फिनायल का छिड़काव किया और कपूर जलाया, ताकि कोई अनहोनी हो तो उससे फैली बदबू से बचा जा सके। बोरवेल के आसपास फिनायल का छिड़काव करने के बाद से ही उसके बचने की कम ही उम्मीद लगाई जा रही थी। चेतना को निकालने के लिए यह अभियान राज्य में सबसे लंबे बचाव अभियानों में से एक रहा। इस दौरान बोरवेल में गिरी बच्ची के परिजनों ने प्रशासन पर लापरवाही बरतने का भी आरोप लगाया। बोरवेल में गिरने के एक दिन बाद यानी 24 दिसंबर की शाम से बच्ची का कोई मूवमेंट नजर नहीं आ रहा था। कोटपूतली-बहरोड़ जिला कलेक्टर कल्पना अग्रवाल ने सोमवार को कहा था कि पत्थर की चट्टान और बारिश ने रेस्क्यू ऑपरेशन में चुनौती पैदा की। बचाव अभियान में सख्त चट्टान को काटना टीम के लिए काफी चुनौतीपूर्ण रहा।