खुलासाः ‘मैडम सर्जन’ के नाम से जानी जाती है जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ी डॉ. शाहीन! चला रही थी ‘ऑपरेशन हमदर्द’, जांच के घेरे में ‘टीम डी’

Revealed: Dr. Shaheen, known as "Madam Surgeon," was associated with Jaish-e-Mohammed! She was running "Operation Hamdard," and "Team D" is under investigation.

नई दिल्ली। दिल्ली ब्लास्ट को लेकर सुरक्षा एजेंसियों ने जांच तेज कर दी है और लगातार बड़े-बड़े खुलासे हो रहे हैं। इस बीच जैश-ए-मोहम्मद की टॉप कमांडर डॉ. शाहीन के बारे में अहम जानकारियां मिली हैं। सूत्रों के मुताबिक डॉ. शाहीन को संगठन में ‘मैडम सर्जन’ का कोडनेम दिया गया था। उसके करीबी साथी और जैश के अन्य आतंकी उन्हें इसी नाम से पुकारते थे। शाहीन लड़कियों के ब्रेन वॉश और संगठन में उनकी भर्ती के काम में लगी हुई थी। खबरों के मुताबिक शाहीन लड़कियों को कैटिगरी में बांटकर उन्हें दहशतगर्दी की तरफ मोड़ने का काम करती थी। यही नहीं जैश-ए-मोहम्मद ने ‘ऑपरेशन हमदर्द’ नाम का खास अभियान चलाया था। इसमें युवा मुस्लिम लड़कियों और महिलाओं से हमदर्दी दिखाकर उन्हें दहशतगर्दी की तरफ ले जाने की योजना थी। इस ऑपरेशन को तीन हिस्सों में बांटा गया था। पहली कैटेगरी के तहत आर्थिक रूप से कमजोर मुस्लिम लड़कियां और महिलाएं। इन्हें पैसे का लालच देकर दहशतगर्दी के रास्ते पर लाने की साजिश थी। वहीं दूसरी कैटेगरी में जो लड़कियां और महिलाएं आम तौर पर बुर्का नहीं पहनतीं और जिनकी ख्वाहिशें बहुत बड़ी होती हैं। इन्हें विदेश ले जाने, बड़े-बड़े ख्वाब दिखाने और ऐशो-आराम की जिंदगी का वादा करने का प्लान था। इधर तीसरी कैटेगरी में विचारों से कट्टरपंथी लड़कियां और महिलाएं, जो आसानी से जिहाद के रास्ते पर आ जातीं। 

खबरों के मुताबिक यूपी एटीएस ने शाहीन की ‘टीम डी’ को डिकोड कर लिया है। टीम डी में शाहीन के डॉक्टर साथी शामिल थे। जैश को भेजे संदेशों और चैटबॉक्स में ‘टीम डी’ का जिक्र मिला है। आतंकियों के बीच बातचीत के लिए खास कोडवर्ड्स इस्तेमाल होते थे। वहीं सुरक्षा एजेंसियां डॉ. परवेज और डॉ. आरिफ के बैंक अकाउंट डिटेल्स खंगाल रही हैं। डॉ. आरिफ को बुधवार को कानपुर से हिरासत में लिया गया। सहारनपुर में भी कई संदिग्धों के अकाउंट्स की जांच हो रही है। शुरुआती जांच से पता चला है कि ग्रुप ने भर्ती और ट्रेनिंग के लिए फंड चैनल करने के लिए कई अकाउंट्स रखे थे। विदेशी फंड ट्रांसफर और संदिग्ध जमा राशि पर फोकस है। एजेंसियां मान रही हैं कि जैश की लीडरशिप ने डॉ. शाहीन और टीम डी को यूपी के कुछ हिस्सों में यह ऑपरेशन चलाने के लिए सीधे ब्रिफ किया था। एन्क्रिप्टेड कम्युनिकेशन और कोड लैंग्वेज को क्रैक करने को हाल के महीनों की सबसे बड़ी खुफिया कामयाबी माना जा रहा है। आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां व खुलासे होने की उम्मीद है।