रंवाई परम्परा की दिखी इस मेले में छटा, हर कोई डूबा आस्था के सैलाब में।

Ranwai tradition was visible in this fair, everyone was immersed in the flood of faith.

आस्था और विश्वास का मिनी कुम्भ आज उत्तरकाशी के रंवाई के  पाली गाव में हजारो की संख्या में उमड़ा जनसैलाब के रूप में दिखा , भेड़ बकरियों के द्वारा मंदिर परिसर में परिक्रमा करने के अलावा समेश्वर देवता के दर्शन करने मात्र से मनोकामना पूर्ण होने का ये अठुड मेला आठ साल बाद हुआ , मेले में रंवाई की लोक संस्क्रती की अनोखी छठा का दिखना दूर दराज से आये श्रदालुओं के लिए काफी था .                 
ये है उत्तरकाशी का सीमांत गाँव पाली गाँव जो यमुनोत्री नेशनल हाई वे रोड से ढाई किमी खड़ी चढ़ाई चढ़ कर पहुचना होता है ,आठ साल बाद भेड़ बकरियों का पर्व अठुड  मेला ,चारो ओर कुदरत के नज़ारे , बदलो का जमी पर आना स्वर्ग की अनभूति कराता है और इस बीच  सैकड़ो भेड़ बकरियों ने मंदिर परिसर की परिक्रमा करती है और इसकी  गवाह हजारों की संख्या में उमड़ी भीड़ बनी।