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हरियाणा में 523 करोड़ की परियोजनाओं को मंजूरी: जल, स्वच्छता और औद्योगिक विकास को बढ़ावा

Projects worth Rs 523 crore approved in Haryana: Water, sanitation and industrial development got a boost

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में सोमवार देर शाम को हाई पॉवर्ड वर्क्स परचेज कमेटी (एचपीडब्ल्यूपीसी) की बैठक में 523 करोड़ रुपये की लागत वाली आधारभूत संरचना और जनसुविधा परियोजनाओं को मंजूरी दी गई। इन परियोजनाओं से जल आपूर्ति, स्वच्छता, यातायात, औद्योगिक ढांचा और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा। बैठक में परिवहन मंत्री अनिल विज, शिक्षा मंत्री  महीपाल ढांडा, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा, लोक निर्माण (भवन एवं सड़कें) मंत्री  रणबीर गंगवा और महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रुति चौधरी उपस्थित रहे। बैठक में विभिन्न बोलीदाताओं से नेगोसिएशन के बाद दरें तय करके लगभग 13 करोड़ रुपये की बचत की गई है। बैठक में बादशाहपुर, फरीदाबाद में 45 एमएलडी क्षमता के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) एवं टर्शरी ट्रीटमेंट यूनिट के निर्माण को स्वीकृति दी गई, जिसकी अनुमानित लागत 58 करोड़ रुपये है। यह परियोजना शहरी क्षेत्र में स्वच्छता एवं जल पुनर्चक्रण के प्रयासों को मजबूती देगी। जल आपूर्ति प्रणाली को सुचारू बनाए रखने के उद्देश्य से मास्टर रेनीवेल लाइन के संचालन और रखरखाव के लिए भी कॉन्ट्रैक्ट को स्वीकृति दी गई। इस परियोजना में 22 रेनीवेल, 160 ट्यूबवेल, पंपिंग मशीनरी, विद्युत उपकरणों एवं अन्य आवश्यक संरचना के रखरखाव और मरम्मत कार्य शामिल हैं, जिनपर लगभग 25 करोड़ रुपये लागत आएगी।

प्रमुख परियोजनाएं:

सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी): बादशाहपुर, फरीदाबाद में 45 एमएलडी क्षमता के एसटीपी और टर्शरी ट्रीटमेंट यूनिट के निर्माण के लिए 58 करोड़ रुपये स्वीकृत। यह परियोजना शहरी स्वच्छता और जल पुनर्चक्रण को मजबूत करेगी।

जल आपूर्ति प्रणाली: मास्टर रेनीवेल लाइन के संचालन और रखरखाव के लिए 25 करोड़ रुपये की मंजूरी। इसमें 22 रेनीवेल, 160 ट्यूबवेल, पंपिंग मशीनरी और विद्युत उपकरणों का रखरखाव शामिल है।

वर्षा जल निकासी: गुरुग्राम के सेक्टर 76-80 में मास्टर स्ट्रॉम वाटर ड्रेन के लिए 104.95 करोड़ रुपये स्वीकृत, जो बरसाती पानी की निकासी की समस्या का स्थायी समाधान करेगा।

सड़क मरम्मत: केएमपी एक्सप्रेसवे के मानेसर-पलवल खंड (60 किमी) की मरम्मत के लिए 48 करोड़ रुपये मंजूर।

औद्योगिक पर्यावरण संरक्षण: बरवाला, पंचकूला में 3 एमएलडी क्षमता के सीईटीपी के लिए 17.50 करोड़ रुपये।

आईएमटी, फरीदाबाद में 10.5 एमएलडी क्षमता के सीईटीपी के लिए 44 करोड़ रुपये।

भंडारण ढांचा: मेहुवाला, फतेहाबाद में 37,884 मीट्रिक टन क्षमता वाले गोदामों के लिए 15.85 करोड़ रुपये।

स्वास्थ्य सुविधा: पंडित दीन दयाल उपाध्याय स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, कुटेल, करनाल में प्राइवेट वार्ड के निर्माण के लिए 30.44 करोड़ रुपये।

बैठक में गुरुग्राम के नए सेक्टर 76-80 में मास्टर स्ट्रॉम वाटर ड्रेन के निर्माण के लिए 104.95 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए, जिससे वर्षा जल निकासी की समस्या का स्थायी समाधान होगा। इसके अलावा, सड़क अवसंरचना को सुदृढ़ बनाने के लिए केएमपी एक्सप्रेसवे के मानेसर-पलवल खंड (लगभग 60 किलोमीटर) की मरम्मत पर 48 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए। औद्योगिक क्षेत्र में प्रदूषण नियंत्रण एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए एचएसआईआईडीसी इंडस्ट्रियल एस्टेट, बरवाला, पंचकूला में 3 एमएलडी क्षमता का सीईटीपी स्थापित करने को भी मंजूरी दी गई। इस पर लगभग 17.50 करोड़ रुपये की लागत आएगी। वहीं, इसी प्रकार, आईएमटी, फरीदाबाद में 10.5 एमएलडी क्षमता के सीईटीपी की स्थापना के लिए 44 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई। बैठक में भंडारण ढांचे को सुदृढ़ करने के लिए, एफएसडी परिसर, मेहुवाला, जिला फतेहाबाद में 37,884 मीट्रिक टन क्षमता वाले गोदामों एवं संबद्ध कार्यों की स्थापना हेतु 15.85 करोड़ रुपये मंजूर किए गए। साथ ही, पंडित दीन दयाल उपाध्याय स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, कुटेल, करनाल में प्राइवेट वार्ड के निर्माण और अन्य कार्यों के लिए भी 30.44 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन परियोजनाओं से न केवल बुनियादी ढांचे में व्यापक सुधार होगा, बल्कि औद्योगिक विकास, पर्यावरण संरक्षण और जनसुविधाओं में भी वृद्धि होगी। उन्होंने अधिकारियों को समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण कार्य सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। बैठक में मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, महिला एवं बाल विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल, प्रिंसिपल एडवाइजर अर्बन डेवलपमेंट डी एस ढेसी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव अरुण कुमार गुप्ता, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के आयुक्त एवं सचिव डॉ. अमित अग्रवाल, आपूर्ति एवं निपटन विभाग के महानिदेशक पंकज के अलावा संबंधित विभागों के प्रशासनिक सचिव उपस्थित रहे।