सियासतः एक साल बाद चुनाव, अभी से मचा घमासान! द्वाराहाट में भाजपा के दो बड़े नेताओं की आपसी खींचतान ने बढ़ाया सियासी तापमान, सोशल मीडिया पर छिड़ी बड़ी बहस
अल्मोड़ा। उत्तराखण्ड में साल 2027 में विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में राजनीतिक हलचल अभी से तेज हो गयी है। पूरे एक साल के बाद होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर तमाम राजनीतिक दल अभी से पूरी तरह सक्रिय नजर आ रहे हैं। इस बीच जहां जनप्रतिनिधि लोगों के बीच पहुंच रहे हैं, वहीं आरोप-प्रत्यारोपों का दौर भी शुरू हो चुका है। इसी क्रम में अल्मोड़ा के द्वाराहाट विधानसभा में भी सियासी माहौल पूरी तरह गरमाया हुआ है। हैरानी की बात ये है कि यहां सत्ता पर काबिज भाजपा के दो बड़े चेहरों की आपसी खींचतान पूरे जिले में चर्चा का विषय बनी हुई है। द्वाराहाट से पूर्व विधायक महेश नेगी और भाजपा की तरफ से पिछला विधानसभा चुनाव लड़ चुके अनिल शाही के बीच आपसी टकराव अब सार्वजनिक रूप ले चुका है।
बता दें कि द्वाराहाट विधानसभा क्षेत्र में महेश नेगी और अनिल शाही दोनों ही भाजपा के बड़े चेहरों के तौर पर अपनी पहचान रखते हैं। लेकिन दोनों के बीच इनदिनों खासा टकराव नजर आ रहा है और सोशल मीडिया के माध्यम से एक-दूसरे पर खुलकर आरोप-प्रत्यारोप लगाए जा रहे हैं। हाल ही में पूर्व विधायक महेश नेगी ने सोशल मीडिया पर लाइव आकर अनिल शाही पर सीधे तौर पर गंभीर आरोप लगाए। करीब एक घंटा पैंतीस मिनट तक चले इस लाइव वीडियो में महेश नेगी ने विभिन्न मुद्दों को उठाते हुए अनिल शाही की भूमिका पर सवाल खड़े किए। महेश नेगी ने आरोप लगाया कि अनिल शाही अवैध धन वसूली में शामिल रहे हैं तथा पार्टी संगठन को गुमराह कर उसे नुकसान पहुंचाने का काम कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अनिल शाही के पास वर्तमान में पलायन आयोग के सदस्य या प्रदेश विभाग प्रभारी जैसे कोई दायित्व नहीं हैं, इसके बावजूद वे स्वयं को बड़े पदों से जोड़कर प्रस्तुत करते हैं। डॉक्टरों की नियुक्ति को लेकर महेश नेगी ने कहा कि अनिल शाही झूठ बोलकर यह दावा कर रहे हैं कि उन्होंने द्वाराहाट के लिए उन्नीस डॉक्टर लाए।
उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि किस हैसियत से कोई व्यक्ति डॉक्टर लेकर आ सकता है। यदि डॉक्टर आए हैं तो यह कहना चाहिए कि मुख्यमंत्री या स्वास्थ्य मंत्री के प्रयासों से आए हैं। इस प्रकार के दावे करना अफवाह फैलाने जैसा है। सड़क निर्माण को लेकर भी महेश नेगी ने कहा कि किसी भी सड़क के लिए विधायक का पत्र और प्रशासनिक प्रक्रिया होती है, लेकिन अनिल शाही इसे अपना कार्य बताकर जनता को भ्रमित करते हैं। उन्होंने कहा कि द्वाराहाट की जनता समझदार है और यहां वही लोग स्वीकार किए जाते हैं जो संघर्ष के माध्यम से काम करते हैं। महेश नेगी ने प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री से पूरे मामले का संज्ञान लेने की मांग करते हुए कहा कि इस तरह की गतिविधियां पार्टी को कमजोर करती हैं। चुनावी आंकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि बगवालीपोखर क्षेत्र के छब्बीस बूथों में से चौबीस बूथों में हार इसका प्रमाण हैं। अंत में उन्होंने कहा कि टिकट प्राप्त करने के लिए उनके खिलाफ गलत बातें फैलाने की कोशिश की जा रही है।