करनाल की ग्राम पंचायत सुल्तानपुर को जल संरक्षण के लिए पीएम मोदी करेंगे सम्मानित

करनाल: करनाल जिले का नाम नीलोखेड़ी विधानसभा के सुल्तानपुर गांव ने राष्ट्रीय स्तर पर रोशन किया है. सुल्तानपुर गांव पहले भी स्वच्छता को लेकर प्रदेश में अव्वल रह चुका है. इस बार जल संरक्षण पर किए गए सराहनीय कार्य को लेकर PM मोदी 15 अगस्त को सुल्तानपुर ग्राम पंचायत को सम्मानित करेंगे. जल संरक्षण और स्वच्छता में हरियाणा राज्य की चार ग्राम पंचायतों को चिन्हित किया गया है, जिनमें से करनाल जिले का ग्राम पंचायत सुल्तानपुर शामिल है.
5 पॉन्ड मॉडल से कर रहे जल संरक्षण: इस उपलब्धि को लेकर सुल्तानपुर गांव वालों में खुशी का माहौल है. वहीं, ग्राम पंचायत सुल्तानपुर के सरपंच जसमेर चौहान ने बताया कि उनके गांव में कई साल पहले पानी संरक्षण के लिए 5 पॉन्ड मॉडल तैयार किया गया था. सरपंच बनने के बाद इस मॉडल पर उन्होंने और भी ज्यादा ध्यान दिया, जिसके चलते उन्होंने जल संरक्षण पर काम किया है. सरपंच बनने के बाद पिछले 2 सालों से वे इस पर लगातार काम कर रहे हैं, जिसके चलते अब उनका गांव जल संरक्षण में चिन्हित किया गया है. अब प्रधानमंत्री के द्वारा उनके गांव को सम्मानित किया जाएगा. इस गांव का 5 पॉन्ड मॉडल काफी अच्छे तरीके से पानी का संरक्षण करता है. इस बारे में सरपंच ने बताया कि 5 पॉन्ड मॉडल से वेस्ट होने वाला पानी को हम बचा लेते हैं. ये पानी एक तालाब से दूसरे तालाब में जाता है और फिर तीसरे, चौथे और पांचवें तालाब में चला जाता है. इस प्रक्रिया के दौरान पानी साफ हो जाता है. इसके बाद पानी को हम खेती के लिए प्रयोग करते हैं. इससे खेती में पानी कम लगता है. ये सभी पॉन्ड(तालाब) नीचे से कच्चे हैं, जिसके चलते पानी रिचार्ज होकर ज़मीन में चला जाता है, इससे भूमिगत जल स्तर भी ठीक रहता है. साथ ही पानी की अच्छी खासी बचत हो जाती है.
सुल्तानपुर गांव पहले स्वच्छता को लेकर प्रदेश भर में फर्स्ट अवॉर्ड पा चुका है. इस बारे में सरपंच जसमेर चौहान कहते हैं कि उनका गांव पिछले कई सालों से स्वच्छता पर काम कर रहा है. साल 2023 में उनके गांव को प्रदेश भर में प्रथम पुरस्कार स्वच्छता के क्षेत्र में मिल चुका है. एक बार फिर जल संरक्षण को लेकर ग्राम पंचायत को सम्मानित किया जा रहा है. गांव सुल्तानपुर की स्वच्छता का बीड़ा खुद गांव के सरपंच ने उठा रखा है. वो कहते हैं कि गांव को स्वच्छ रखने की जिम्मेदारी हमने खुद उठा रखी है. हालांकि गांव में सफाई कर्मचारी भी लगे हुए हैं, जो काम करते हैं. इसके अलावा हम खुद भी गांव की साफ-सफाई पर पूरा ध्यान देते हैं. साथ ही पेड़-पौधे लगाने का भी हम काम करते हैं. गांव को स्वच्छ रखने के लिए हम खुद काम करते हैं. ताकि गांव स्वच्छ रहे. सरपंच जसमेर चौहान की मानें तो इस गांव की आबादी तकरीबन 2000 है. हालांकि मौजूदा समय में गांव में कुल 1704 लोग ही रहते हैं. करीब 350 लोग विदेश में रह रहे हैं. गांव के लोगों का मुख्य रोज़गार खेती-बाड़ी और पशुपालन है. गांव के लोग काफी शिक्षित भी हैं. यही कारण है कि ये गांव में साफ-सफाई पर पूरा ध्यान देते हैं. इस गांव का हर शख्स गांव को स्वच्छ रखने में अपनी अहम भूमिका निभा रहा है इस गांव में सभी प्रकार की मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध है. गांव में ग्रामीण सचिवालय बना हुआ है, प्राइमरी और सीनियर सेकेंडरी स्कूल भी है. गांव में दो आंगनबाड़ी केंद्र हैं, पीने के लिए स्वच्छ पानी की सुविधा उपलब्ध है. दो ट्यूबल भी लगाए गए हैं. गांव के सचिवालय में सीएससी सेंटर है, जिसके चलते छोटी-मोटे कामों के लिए गांव वालों को गांव से बाहर नहीं जाना पड़ता. गांव में ही हर प्रकार के काम हो जाते हैं. गांव के प्रवेश द्वार पर एक खूबसूरत सा पार्क बना हुआ है. एक गांव में जिस तरह की सुविधाएं होनी चाहिए, वो सब यहां मौजूद है.
इस गांव का दौरा कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान कर चुके हैं. इस बारे में सरपंच जसमेर चौहान ने ईटीवी भारत को बताया कि हमारा गांव एक मॉडल के तौर पर पूरे हरियाणा में जाना जाता है. गांव को देखने के लिए खुद केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल भी आए थे. इतना ही नहीं गांव की स्वच्छता और पानी संरक्षण मॉडल को देखने के लिए बांग्लादेश और कनाडा का डेलिगेट भी गांव में विजिट कर चुके हैं. उनको भी गांव काफी पसंद आया है. गांव के सरपंच जसमेर चौहान कहते हैं कि दूसरे गांव को भी इस मॉडल को अपनाना चाहिए. हमारे गांव के इस मॉडल को देखने के लिए जिले और प्रदेश की दूसरे ग्राम पंचायत के लोग भी आ रहे हैं. वो इस मॉडल को अपना रहे हैं. प्रत्येक ग्राम पंचायत को अपने स्तर पर गांव को स्वच्छ रखना चाहिए, ताकि दूसरे गांव को भी इसे सीखने को मिले. मेरी दूसरे ग्राम पंचायत से अपील है कि वह अपने प्रदेश को स्वच्छ रखने के लिए और आने वाली अपनी पीढ़ियों के लिए पानी बचाएं, ताकि हमारे बाद की पीढ़ी को पानी की समस्या ना हो. जल संरक्षण को लेकर सम्मानित होने की जानकारी के बाद गांव वालों में खुशी का माहौल है. गांव के 82 वर्षीय बुजुर्ग ने कहा कि मेरी काफी उम्र हो गई है. हमने अपने गांव में काफी बदलाव देखे हैं. पहले भी उनके गांव ने स्वच्छता में काफी अच्छा काम किया है. अभी भी हमारा गांव काफी अच्छा काम कर रहा है. वहीं, गांव में सफाई करने वाले सफाई कर्मचारी ने कहा कि सभी गांव वालों की मेहनत से उनका गांव अब पूरे भारत में पहचाना जाने लगा है. हरियाणा के कुल चार ग्राम पंचायत होंगे सम्मानित: स्वच्छता और जल संरक्षण को लेकर हरियाणा की चार ग्राम पंचायत चिन्हित की गई है. इन सभी के पास केंद्रीय मंत्रालय से कॉल आई है. जानकारी के अनुसार 13 अगस्त को यह चारों सरपंच दिल्ली स्थित हरियाणा भवन पहुंचेंगे. स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दिल्ली में सभी को सम्मानित करेंगे.