पीएम मोदी के 'मन की बात' में उत्तराखंड में हुए राष्ट्रीय खेलों का किया जिक्र!जमकर की तारीफ 

PM Modi mentioned the National Games held in Uttarakhand in 'Mann Ki Baat'! He praised it a lot

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपने रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के 119वें एपिसोड को संबोधित किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 'मन की बात' कार्यक्रम के 119वें एपिसोड को सुना। इस कार्यक्रम में पीएम मोदी ने उत्तराखंड में आयोजित राष्ट्रीय खेल और खाद्य तेल के कम इस्तेमाल जैसे विषयों पर जोर दिया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विपक्ष द्वारा संगम पर राजनीति कर रहे विपक्षी दलों पर बोलते हुए कहा कि प्रयागराज महाकुंभ में कई करोड़ों लोगों ने संगम में आस्था की डुबकी लगाई है। उन्होंने कहा कि मैंने स्वयं जाकर वहां पर व्यवस्थाएं देखी हैं और जिस प्रकार की विपक्ष बातें कर रहा है। उससे वो सांस्कृतिक और धार्मिक आस्था को चोट पहुंचाना चाहते हैं। 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि 100 से ज्यादा मन की बात के कार्यक्रम देश के सामने आ चुके हैं, जो देश के लिए बहुत ही प्रेरणादायक हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने ऐसे अनंत कर्म योगियों को आगे लाने का काम किया है,जिन्हें कोई देख नहीं पाता और वो अपने साधना में लीन रहते हैं।  उन्होंने कहा कि ऐसे अनंत कर्म योगियों को मन की बात कार्यक्रम में लाकर उन कर्म योगियों की प्रतिभा का पूरी दुनिया में सम्मान हुआ है। तेलंगाना सुरंग में फंसे 8 मजदूरों पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जब भी देश के अंदर इस प्रकार की चुनौतियां आती हैं,तो प्रधानमंत्री मोदी वहां की सबसे ज्यादा व्यक्तिगत रूप से चिंता करते हैं।  व्यक्तिगत रूप से मॉनिटरिंग करते हैं। उन्होंने कहा कि जब सिल्क्यारा टनल में 41 मजदूर फंस गए थे,तो प्रत्येक दिन प्रधानमंत्री मोदी ने यहां की मॉनिटरिंग की थी। 41 मजदूरों का सफलतापूर्वक रेस्क्यू ऑपरेशन हुआ, जिसे पूरी दुनिया ने देखा। बता दें कि पीएम मोदी ने अपने संबेधिन में कहा कि उत्तराखंड में आयोजित राष्ट्रीय खेलों में देशभर के 11000 से अधिक एथलीटों ने शानदार प्रदर्शन किया। इस आयोजन ने देवभूमि का एक नया स्वरूप प्रस्तुत किया।  उत्तराखंड अब देश में एक सशक्त खेल शक्ति के रूप में उभर रहा है। यह खेलों की शक्ति है,जो व्यक्तियों और समुदायों के साथ-साथ पूरे राज्य को भी बदल देती है। यह भावी पीढ़ियों को प्रेरित करती है और उत्कृष्टता की संस्कृति को भी बढ़ावा देती है।