आस्था से खिलवाड़ः तिरुपति मंदिर के प्रसाद में मिली बीफ की चर्बी और फिश ऑयल! टीडीपी ने दिखाई लैब की रिपोर्ट, मचा सियासी घमासान

Playing with faith: Beef fat and fish oil found in the offerings of Tirupati temple! TDP shows lab report, creates political turmoil

नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर के प्रसाद को लेकर एक हैरान और परेशान करने वाला खुलासा हुआ है। यहां बनने वाले प्रसाद में बीफ फैट, फिश ऑयल के इस्तेमाल होने की बात सामने आई है, जिसके बाद श्रद्धालुओं में खासा आक्रोश देखने को मिल रहा है। तिरुपति मंदिर में प्रसाद के तौर पर मिलने वाले लड्‌डुओं में इनकी मौजूदगी की पुष्टि हुई है। तिरुपति मंदिर के प्रसाद के निर्माण में बीफ फैट और मछली के तेल के इस्तेमाल पर विपक्षी दल वाईएसआर कांग्रेस समेत विहिप ने आंध्र की चंद्रबाबू नायडू सरकार को निशाने पर लिया है।

बता दें कि लड्डू बनाने में घटिया सामग्री और पशु चर्बी के कथित उपयोग को लेकर उठे विवाद के बीच सत्तारूढ़ तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि गुजरात स्थित पशुधन प्रयोगशाला की तरफ से मिलावट की पुष्टि की गई है। टीडीपी ने दावा किया है कि तिरुपति के प्रसिद्ध श्री वेंकटेश्वर मंदिर में प्रसाद के रूप में वितरित किए जाने वाले लड्डू बनाने के लिए गोमांस की चर्बी, मछली के तेल और ताड़ के तेल का इस्तेमाल किया जा रहा था। टीडीपी प्रवक्ता अनम वेंकट रमण रेड्डी ने कथित प्रयोगशाला रिपोर्ट दिखाई, जिसमें दिए गए घी के नमूने में ‘गोमांस की चर्बी’ की मौजूदगी की पुष्टि की गई थी। कथित प्रयोगशाला रिपोर्ट में नमूनों में ‘लार्ड’ (सूअर की चर्बी से संबंधित) और मछली के तेल की मौजूदगी का भी दावा किया गया है। सैंपल लेने की तारीख नौ जुलाई 2024 थी और प्रयोगशाला रिपोर्ट 16 जुलाई की थी। 

इससे पहले आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने बुधवार को आरोप लगाया था कि पिछली वाईएसआरसीपी सरकार ने पवित्र मिठाई तिरुपति लड्डू बनाने में घटिया सामग्री और पशु चर्बी का इस्तेमाल किया था। विपक्षी वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने इस आरोप का जोरदार खंडन किया है। लैब रिपोर्ट आने के बाद बीजेपी और टीडीपी ने पूर्व सीएम जगनमोहन रेड्डी की आलोचना की है। बीजेपी नेता बंदी संजय कुमार ने कहा कि हिंदुओं के साथ इस बड़े विश्वासघात के लिए भगवान माफ नहीं करेंगे। लड्डू में जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया जाना तिरुमाला वेंकटेश्वर स्वामी की पूजा करने वाले हिंदुओं की आस्था और विश्वास के साथ गहरा विश्वासघात है।