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Big Breaking: नेशनल हेराल्ड केस में गांधी परिवार को बड़ी राहत! ईडी की चार्जशीट पर संज्ञान लेने से कोर्ट का इनकार, जानें क्या कहा?

Big Breaking: Big relief for the Gandhi family in the National Herald case! Court refuses to take cognizance of the ED's chargesheet. Find out what they said.

नई दिल्ली। नेशनल हेराल्ड केस में गांधी परिवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने आज मंगलवार को ईडी के चार्जशीट पर संज्ञान लेने से इंकार कर दिया है। कोर्ट का कहना है कि किसी निजी व्यक्ति द्वारा दर्ज शिकायत के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग की कार्यवाही जारी नहीं रखी जा सकती है। बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक अदालत ने अपने आदेश में कहा कि पीएमएलए की धारा 3 के तहत परिभाषित और धारा 4 के तहत दंडनीय मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध की जांच और अभियोजन, तब तक कायम नहीं रह सकता, जब तक संबंधित अपराध पर एफआईआर दर्ज न हो या वह अपराध कानून की अनुसूची में शामिल न हो। इसी आधार पर अदालत ने ईडी की शिकायत को खारिज कर दिया। कोर्ट ने यह भी कहा कि चूंकि अब दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है, इसलिए ईडी द्वारा आरोपों के गुण-दोष (मेरिट्स) पर दी गई दलीलों पर फैसला करना फिलहाल जल्दबाजी और अनुचित होगा। अदालत ने साफ कहा कि धारा 3 के तहत परिभाषित और धारा 4 के तहत दंडनीय अपराध का संज्ञान लेने से इनकार किया जाता है। शिकायत खारिज की जाती है। इस मामले में गांधी परिवार के अलावा सुमन दुबे, सैम पित्रोदा, यंग इंडियन, डोटेक्स मर्चेंडाइज और सुनील भंडारी को भी ईडी ने आरोपी बनाया था।

ईडी का आरोप क्या है?
ईडी का आरोप था कि एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL), जो करती है की 2,000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियों को धोखाधड़ी से अपने कब्जे में लेने के जरिए ‘अपराध की आय’ को मनी लॉन्ड्रिंग के माध्यम से छिपाया गया। ईडी के मुताबिक, यह संपत्तियां यंग इंडियन नामक कंपनी के जरिए हासिल की गईं, जिसमें राहुल और सोनिया गांधी बहुलांश शेयरधारक हैं। ईडी का यह भी कहना था कि एक आपराधिक साजिश के तहत AJL के शेयर यंग इंडियन को ट्रांसफर किए गए, ताकि AJL की अचल संपत्तियों और उनसे होने वाली किराये की आय पर कब्जा किया जा सके, जिन्हें ‘अपराध की आय’ बताया गया।