हरियाणा के मनीष सैनी की शॉर्ट फिल्म गिद्ध को राष्ट्रीय सम्मान! तीसरी बार गूंजा अटेली का नाम

हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले की अटेली विधानसभा के निवासी मनीष सैनी ने अपनी शॉर्ट फिल्म 'गिद्ध' के लिए 71वें नेशनल फिल्म अवॉर्ड में राष्ट्रीय सम्मान हासिल किया है। ये मनीष का तीसरा राष्ट्रीय पुरस्कार है, जिसने एक बार फिर हरियाणा और अटेली का नाम देशभर में रोशन किया। उनकी इस उपलब्धि पर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने मनीष सैनी को बधाई दी और इसे गर्व का क्षण बताया।
हरियाणा के सीएम नायब सैनी ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर लिखा 'हरियाणा के लाल ने रच दिया इतिहास! 71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में हरियाणा के अटेली निवासी श्री मनीष सैनी द्वारा निर्देशित शॉर्ट फिल्म Giddh-The Scavenger को सर्वश्रेष्ठ शॉर्ट फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया जाना पूरे प्रदेश के लिए गर्व की बात है। यह उनका तीसरा नेशनल अवॉर्ड है, जो उनकी रचनात्मक प्रतिभा और समर्पण का परिचायक है। मैं इस उपलब्धि पर उन्हें हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूँ और कामना करता हूँ कि वे इसी प्रकार अपनी कला के माध्यम से हरियाणा का नाम देश-दुनिया में रोशन करते रहें। मनीष सैनी के पिता सुगन चंद सैनी भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं, जबकि उनकी माता सुकांतला देवी धार्मिक और संस्कारी महिला के रूप में जानी जाती हैं। बेटे की इस उपलब्धि पर माता-पिता ने खुशी जताते हुए कहा 'भगवान ऐसा बेटा सबको दे, जिसने अटेली का नाम राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई। मनीष की इस सफलता ने पूरे परिवार को गौरवान्वित किया है।
मनीष सैनी को इससे पहले 65वें नेशनल फिल्म अवॉर्ड में उनकी पहली गुजराती फिल्म 'ध्ह' (2017) के लिए सर्वश्रेष्ठ गुजराती फीचर फिल्म का पुरस्कार मिला था। इसके बाद 69वें नेशनल अवॉर्ड में उनकी फिल्म 'गांधी एंड कंपनी' को सर्वश्रेष्ठ बाल फीचर फिल्म के रूप में सम्मानित किया गया। मनीष की फिल्में सामाजिक संदेश, बच्चों की मासूमियत और मानवीय संवेदनाओं को खूबसूरती से दर्शाती हैं, जो उनकी अलग पहचान बनाती हैं। मनीष सैनी मुख्य रूप से गुजराती सिनेमा में सक्रिय हैं और अपनी अनूठी कहानी कहने की शैली और निर्देशन के लिए पहचाने जाते हैं। उनकी फिल्म 'गिद्ध' सामाजिक मुद्दों को गहराई से उजागर करती है, जिसने राष्ट्रीय स्तर पर जूरी का ध्यान खींचा। यह पुरस्कार न केवल मनीष की प्रतिभा का प्रमाण है, बल्कि ग्रामीण हरियाणा से निकलकर राष्ट्रीय मंच तक पहुंचने की प्रेरक कहानी भी है। मनीष सैनी का जन्म अटेली में हुआ। बचपन से ही उन्हें लेखन और फिल्म निर्माण का शौक था। उन्होंने अटेली के आदर्श स्कूल से दसवीं की पढ़ाई पूरी की और फिर अहमदाबाद के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन से कोर्स किया। इसके बाद उन्होंने गुजराती सिनेमा में कदम रखा। उनकी पहली फिल्म 'ध्ह' ने 2017 में राष्ट्रीय पुरस्कार जीता। उनकी दूसरी फिल्म 'गांधी एंड कंपनी' को 2022 में इंटरनेशनल गुजराती फिल्म महोत्सव में सर्वश्रेष्ठ बाल फिल्म का पुरस्कार मिला और इसे चेक गणराज्य में भी प्रदर्शित किया गया। मनीष चार बहनों के इकलौते भाई हैं और उनकी पत्नी अमृता परांदे एक ग्राफिक डिजाइनर हैं।