नैनीताल:नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग संस्थान में अनियमितताओं के मामले पर हाईकोर्ट सख्त, राज्य और केंद्र सरकार से जवाब तलब
नैनीताल।
उत्तरकाशी स्थित नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग (नीम) में वर्ष 2018 से 2022 के बीच कथित अनियमितताओं और रोजगार घोटाले के आरोपों को लेकर दायर जनहित याचिका पर उत्तराखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। मामले की सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने राज्य सरकार और केंद्र सरकार को आरोपों के आधार पर विस्तृत जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
याचिकाकर्ता दिनेश चंद्र उनियाल ने याचिका में दावा किया है कि निर्धारित अवधि के दौरान नीम संस्थान में कई अनियमितताएं हुईं। उनके अनुसार संस्थान में नियुक्तियों और रोजगार देने के नाम पर गंभीर गड़बड़ियां की गईं, जिसकी निष्पक्ष जांच आवश्यक है।
वहीं दूसरी ओर, राज्य और केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए अधिवक्ताओं ने इन आरोपों को पूरी तरह निराधार बताया। सरकार का कहना है कि संस्थान में किसी भी तरह की अनियमितता नहीं हुई है और याचिकाकर्ता द्वारा लगाए गए आरोप तथ्यों पर आधारित नहीं हैं। सरकार ने यह भी तर्क दिया कि याचिका में जिन रजिस्ट्रार पर आरोप लगाए गए हैं, उन्हें पक्षकार तक नहीं बनाया गया है, जबकि यह आवश्यक था।
सरकारी पक्ष ने यह भी उल्लेख किया कि कैग (CAG) पहले ही इस मामले की जांच कर चुका है और उसकी रिपोर्ट में किसी भी तरह की अनियमितता की पुष्टि नहीं मिली है। ऐसे में जनहित याचिका को निरस्त किए जाने की मांग की गई।
कोर्ट ने सभी तर्कों को सुनने के बाद राज्य और केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि याचिका में लगाए गए आरोपों पर विधिवत जवाब पेश किया जाए। मामले की अगली सुनवाई में सरकारों के जवाब के आधार पर आगे की कार्रवाई तय होगी।