नैनीतालः सूखाताल झील मामले को लेकर हुई सुनवाई! हाईकोर्ट ने कार्यदायी संस्था से 11 नवंबर तक मांगी प्रगति रिपोर्ट

Nainital: Hearing on the Sukhatal Lake case begins! The High Court has requested a progress report from the executing agency by November 11th.

नैनीताल। उत्तराखण्ड हाईकोर्ट में नैनीताल के सुखाताल झील में सौंदर्यीकरण को लेकर स्वतः संज्ञान लिए जाने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट की खण्डपीठ ने कार्यदायी संस्था से 11 नवंबर तक प्रगति रिपोर्ट पेश करने को कहा है। मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट ने 11 नवंबर की तिथि नियत की है। पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान झील विकास प्राधिकरण की तरफ से कोर्ट में शपथपत्र पेश कर कहा गया कि निर्माण कार्यों पर लगी रोक को हटाया जाय। क्योंकि झील का 70 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। जिसमें अभी तक 20 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं, इसलिए पूर्व में कोर्ट द्वारा लगाई रोक को हटाया जाय। जिसपर कोर्ट ने पूर्व के आदेश को संसोधन करते हुए सभी निर्माण कार्य तीन माह के भीतर पूर्ण करने के निर्देश सम्बंधित विभागों को दिए थे। बता दें कि नैनीताल निवासी डॉ. जीपी साह व अन्य ने हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश को पत्र लिखकर सूखाताल में हो रहे भारी भरकम निर्माण से झील के प्राकृतिक जल स्रोत बन्द होने सहित कई अन्य बिंदुओं से अवगत कराया था। पत्र में कहा है कि सूखाताल नैनीझील का मुख्य रिचार्जिंग केंद्र है और उसी स्थान पर इस तरह अवैज्ञानिक तरीके से निर्माण किये जा रहे हैं। पत्र में यह भी कहा गया है कि झील में पहले से ही लोगों ने अतिक्रमण कर पक्के मकान बना दिये गए, जिनको अभी तक नही हटाया गया। पहले से ही झील के जल स्रोत सुख चुके हैं जिसका असर नैनी झील पर देखने को मिल रहा है। इसलिए इस पर रोक लगाई जाए। पत्र में यह भी कहा गया कि उन्होंने इससे पहले जिला अधिकारी कमिश्नर को ज्ञापन दिया था जिस पर कोई कार्यवाही नही हुई। पूर्व में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश ने इस पत्र का स्वतः लेकर इसे जनहित याचिका के रूप में सुनवाई के लिए पंजीकृत कराया था।