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बिहार में मुखिया और सरपंच को लाइसेंसी हथियार! मामला पहुंच गया पटना हाईकोर्ट 

Licensed weapons to Mukhiya and Sarpanch in Bihar! The matter reached Patna High Court

पटना। बिहार सरकार द्वारा पंचायत प्रतिनिधियों को हथियार रखने की अनुमति देने के निर्णय को चुनौती देते हुए पटना हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है। यह याचिका अधिवक्ता राजीव रंजन सिंह ने दाखिल की है। याचिका में सरकार के आदेश को आगामी विधानसभा चुनाव तक स्थगित करने की मांग की गई है। 

राज्य सरकार ने हाल ही में घोषणा की थी कि मुखिया, सरपंच और अन्य पंचायत प्रतिनिधि अपनी आत्मरक्षा के लिए आर्म्स लाइसेंस प्राप्त कर सकते हैं। सरकार का तर्क था कि ये प्रतिनिधि कई बार तनावपूर्ण और संवेदनशील इलाकों में काम करते हैं, जहां उन्हें सुरक्षा की आवश्यकता होती है। हालांकि याचिकाकर्ता का कहना है कि यह निर्णय निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है और ग्रामीण क्षेत्रों में कानून-व्यवस्था की स्थिति को खतरे में डाल सकता है। उन्होंने यह भी तर्क दिया कि बिहार में फिलहाल लगभग 2.5 लाख पंचायत प्रतिनिधि हैं और यदि इन सभी को हथियार मिलते हैं तो इसका दुरुपयोग भी संभव है। राजीव रंजन सिंह ने 1 जुलाई 2025 को राज्य सरकार और संबंधित अधिकारियों को एक आवेदन भी भेजा था, लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं मिला तो उन्होंने यह याचिका दायर की। याचिका में राज्य सरकार के साथ-साथ राज्य के मुख्य सचिव, डीजीपी, पंचायती राज विभाग के सचिव और गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव को प्रतिवादी बनाया गया है।  बिहार सरकार ने त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं और ग्राम कचहरियों के निर्वाचित जन प्रतिनिधियों को लेकर एक बड़ा फैसला लिया था। सरकार का मानना है कि कई बार पंचायत प्रतिनिधियों को स्थानीय स्तर पर विवादों, आपराधिक तत्वों और दबंगों से खतरा बना रहता है।  ऐसे में उन्हें आत्मरक्षा के लिए वैध हथियार रखने का अधिकार मिलना चाहिए। लेकिन अब पटना हाईकोर्ट इस मामले में सुनवाई कर यह तय करेगा कि सरकार के फैसले को रोकना आवश्यक है या नहीं।