बैजनाथ में आयोजित कत्यूर महोत्सव में कुमाउनी कवियों व लोककलाकारों ने बिखेरी छटा, भजन संध्या से बना भक्तिमय माहौल

Kumauni poets and folk artists spread their charm in the Katyur Mahotsav organized in Baijnath, Bhajan Sandhya created a devotional atmosphere

बैजनाथ। बागेश्वर जनपद के गरुड़ क्षेत्र में आयोजित तीन दिवसीय कत्यूर महोत्सव 2025 में कुमाऊं की सांस्कृतिक विरासत और लोकभाषा का अद्भुत संगम देखने को मिल रहा हैं । बैजनाथ के ब्यालीसैरा मैदान इन तीन दिनों में पूरी तरह से लोकसंस्कृति के रंग में रंगा हुआ हैं । महोत्सव का विशेष आकर्षण रहा कुमाऊंनी भाषा में आयोजित कवि सम्मेलन, जिसमें क्षेत्र के प्रसिद्ध साहित्यकारों और कवियों ने शिरकत की।

कवि सम्मेलन में सबसे वरिष्ठ साहित्यकार गोपाल दत्त भट्ट, मोहन चंद्र जोशी, डॉ. हेम दुबे, आशा बुटोला, माया गोस्वामी, सुरेंद्र वर्मा, रमेश चंद्र पांडे, प्रेमा भट्ट, जावेद सिद्दीकी और गिरीश अधिकारी जैसे प्रतिष्ठित कवियों ने अपनी रचनाओं के माध्यम से कुमाऊंनी बोली की प्राचीनता की मिठास और वर्तमान प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला। श्रोताओं ने इन कविताओं को खूब सराहा और तालियों की गड़गड़ाहट से कवियों का उत्साहवर्धन किया।कवि सम्मेलन का संचालन वरिष्ठ साहित्यकार चंद्रशेखर बडसीला ने किया।

भजन संध्या में गिरधर जोशी और प्रमोद जोशी ने भक्तिरस में सराबोर कर देने वाली प्रस्तुतियाँ दीं। उनके भजनों ने श्रोताओं को भावविभोर कर दिया और माहौल पूरी तरह भक्तिमय बना दिया ।

सांस्कृतिक कार्यक्रम,स्टार नाइट में लोकप्रिय लोकगायक जितेंद्र तोमक्याल, माया उपाध्याय, लच्छू पहाड़ी और फौजी गोविंद गोस्वामी ने एक के बाद एक शानदार प्रस्तुतियाँ दीं। जैसे ही इन कलाकारों ने मंच संभाला, समूचा पंडाल झूम उठा। महिलाओं और पुरुषों ने लोकधुनों पर जमकर ठुमके लगाए और पूरी रात गरुड़ की फिजा में कुमाऊंनी संगीत की गूंज सुनाई देती रही।

स्टार नाइट के दूसरे दिन कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि दर्जा राज्य मन्त्री शिव सिंह बिष्ट व पूर्व सांसद प्रदीप टम्टा शामिल हुए। उन्होंने कत्यूर घाटी के गौरवशाली इतिहास को याद करते हुए कहा कि यह महोत्सव केवल मनोरंजन का माध्यम नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति, परंपरा और भाषा धरोहर को संजोने का एक सशक्त मंच है।

इस मौके पर कार्यक्रम में  ललित फर्स्वाण , प्रकाश कोहली, भावना वर्मा,  सुनीता आर्या, सुनील दोसाद, दिनेश बिष्ट ,लक्ष्मण आर्य, कैलाश पवार, त्रिलोक बुटोला, विपिन जोशी, भगवत नेगी, अखिल जोशी, जगदीश पाण्डेय, दिनेश नेगी, चंद्रशेखर बड़सीला, हरीश जोशी, दीपक खुलबे, अभय नेगी आदि उपस्थित रहे।