अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025: 14,000 फीट की ऊंचाई से लेकर समुद्र के छोर तक,योगमय हुआ पूरा देश! पीएम मोदी ने भी विशाखापट्टनम में योग किया दिया खास संदेश

आज यानी 21 जून को 11वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस देश और दुनिया में मनाया जा रहा है। इस साल खास आयोजन 'योग संगम' के तहत सुबह 6:30 से 7:45 बजे तक देशभर के एक लाख से ज्यादा जगहों पर कॉमन योग प्रोटोकॉल के मुताबिक सामूहिक रूप से लोग योग किया जा रहा है। वहीं, दुनिया भर में कुल 191 देशों में योग दिवस मनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बार आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में राष्ट्रीय योग कार्यक्रम का नेतृत्व किया।
11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 पर आज पूरे देश विदेश में उत्साह है। देश के कोने-कोने में जगह-जगह योग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में लाखों लोगों के साथ योग करेंगे। योग का महत्व धीरे-धीरे पूरी दुनिया को समझ में आने लगा है। यही कारण है कि विश्व के अधिकांश देशों में योग को प्रोत्साहित किया जा रहा है। पीएम मोदी के पहल पर योग को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लाया जा सका। उन्होंने ही 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने की घोषणा की थी। इसके बाद ही 2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।
विशाखापट्टनम में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आयोजित राष्ट्रीय समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश और दुनिया के सभी लोगों को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की बहुत बहुत शुभकामनाएं। आज 11वीं बार पूरा विश्व एक साथ 21 जून को योग कर रहा है। योग का सीधा अर्थ होता है जुड़ना। ये देखना सुखद है कि कैसे योग ने पूरे विश्व को जोड़ा है।इस मौके पर PM मोदी ने कहा कि योग का मतलब होता है- जोड़ना। और ये देखना सुखद है कि कैसे योग ने पूरी दुनिया को जोड़ा है। पीएम मोदी ने कहा कि आज जब दुनिया में अशांति, तनाव और अस्थिरता बढ़ रही है, तो योग शांति की दिशा दिखाता है। यह पॉज बटन जैसा। उन्होंने कहा कि आज योग करोड़ों लोगों के जीवन का हिस्सा बन चुका है। मुझे गर्व होता है जब मैं देखता हूं कि हमारे दिव्यांग साथी ब्रेल में योग शास्त्र पढ़ते हैं। वैज्ञानिक अंतरिक्ष में योग करते हैं। गांव-गांव में युवा साथी योग ओलिंपियाड में भाग लेते हैं। अभी नेवी के जहाज में भी योगा कार्यक्रम चल रहा है। चाहे ओपेरा हाउस की सीढ़ियां हों, या एवरेस्ट की चोटियां, या समुंदर का विस्तार हो एक ही संदेश आता है कि योग सभी का है और सभी के लिए है। पीएम ने कहा कि साथियों दुर्भाग्य से दुनिया तनाव, अशांति और अस्थिरता से गुजर रही है। कई क्षेत्रों में यह स्थितियां लगातार बढ़ती जा रही हैं। ऐसे समय में योग हमें शांति का रास्ता दिखाता है। योग उस 'पॉज बटन' की तरह है जिसकी इंसानियत को जरूरत है- ताकि हम रुक सकें, सांस ले सकें, संतुलन बना सकें और फिर से खुद को पूर्ण महसूस कर सकें। पीएम मोदी ने कहा कि योग को सिर्फ पर्सनल प्रैक्टिस न बनाएं, बल्कि ग्लोबल पार्टनरशिप का माध्यम बनाएं। योग को लोकनीति का हिस्सा बनाएं। जब जनता लक्ष्य को थाम लेती है तो उस लक्ष्य की प्राप्ति से हमें कोई रोक नहीं पाता। आपके प्रयास यहां इस आयोजन में नजर आ रहे हैं। 'मी टु वी' का भाव भारत की आत्मा का साथ है।