हाइड्रोजन बम फटा: राहुल गांधी के 'H-फाइल्स' ने उजागर की हरियाणा में 25 लाख वोट चोरी की साजिश, बिहार चुनाव से पहले CEC पर झूठ का आरोप!

Hydrogen bomb explodes: Rahul Gandhi's 'H-Files' expose conspiracy to steal 25 lakh votes in Haryana, CEC accused of lying before Bihar elections!

नई दिल्ली, 6 नवंबर 2025। बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग से ठीक एक दिन पहले, कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने दिल्ली में एक विस्फोटक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर 'हाइड्रोजन बम' के नाम से मशहूर 'H-फाइल्स' पेश कीं। इस खुलासे में उन्होंने 2024 के हरियाणा विधानसभा चुनावों में 25 लाख वोटों की कथित चोरी का पुख्ता सबूत दिखाए, जिससे भाजपा को फायदा पहुंचा। राहुल ने इसे 'ऑपरेशन सरकार चोरी' करार देते हुए चुनाव आयोग (ECI) और मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने दावा किया कि ECI ने भाजपा के इशारे पर फर्जी वोटरों को संरक्षण दिया, जबकि बिहार में भी इसी तरह की साजिश रची जा रही है, जहां 65 लाख नामों को वोटर लिस्ट से गायब कर दिया गया। राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में 1 घंटा 20 मिनट की विस्तृत प्रजेंटेशन दी, जिसमें हरियाणा के वोटर लिस्ट के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया। उन्होंने कहा, "हरियाणा में कुल 2 करोड़ वोटर थे, लेकिन हर 8वें वोटर पर सवाल है। अगर वोटर लिस्ट झूठी है, तो लोकतंत्र ही खत्म हो जाता है।" उनके अनुसार, ECI ने 'सिस्टेमेटिक आइडेंटिफिकेशन एंड रिमूवल' (SIR) प्रक्रिया का दुरुपयोग कर कांग्रेस समर्थक वोटरों के नाम काटे, जबकि फर्जी एंट्रीज को नजरअंदाज किया।

विदेशी लड़की की फोटो से 22 फर्जी वोट, सबसे चौंकाने वाला खुलासा

राहुल ने एक ब्राजीलियन मॉडल की फोटो दिखाई। दावा किया कि इसकी एक ही तस्वीर को 22 अलग-अलग नामों (जैसे सीमा, स्वीटी, सरस्वती) से 10 बूथों पर वोटर आईडी बनाकर इस्तेमाल किया गया। "यह कोई तकनीकी गलती नहीं, बल्कि सुनियोजित साजिश है। ECI के पास डुप्लीकेट डिटेक्शन सॉफ्टवेयर है, लेकिन उन्होंने इसे चलाने से इनकार कर दिया। राहुल ने कहा इसी तरह, एक महिला का नाम दो बूथों में कुल 223 बार दोहराया गया, जो 200 से ज्यादा फर्जी वोटों का सबूत है।

दो वार्डों में नाम, 200+ वोट: डुप्लीकेट वोटरों का जालप्रेजेंटेशन में राहुल ने पांच प्रमुख श्रेणियों में अनियमितताओं का ब्योरा दिया
डुप्लीकेट वोटर: 5,21,619 नाम दोहराए गए।
अमान्य पते: 93,174 वोटरों के 'हाउस नंबर 0' जैसे फर्जी एड्रेस।
बल्क वोटर: एक ही पते पर 5,000 तक नाम, जैसे एक घर में सैकड़ों वोटर।
फर्जी फोटो: 1,24,177 वोटरों की तस्वीरें नकली या दोहराई गईं।
पोस्टल बैलट अनियमितता: 19,26,351 वोटों में हेराफेरी, जहां असली नतीजों से अलग आंकड़े आए।

राहुल ने हरियाणा CM नायब सिंह सैनी का वीडियो चलाया, जिसमें वह चुनाव से दो दिन पहले कहते नजर आते हैं, "हमारे पास सारी व्यवस्थाएं हैं, भाजपा सरकार बना रही है।" उन्होंने सवाल उठाया कि क्या यह व्यवस्था वोट चोरी की थी ?"

राहुल का खुलासा: ECI ने वेबसाइट से जानकारी डिलीट की 
राहुल ने CEC ज्ञानेश कुमार पर सीधा निशाना साधा। उन्होंने कहा, "CEC ने 'हाउस नंबर 0' को बेघर लोगों के लिए बताया, लेकिन हमारी जांच में पाया कि ये लोग अपने घरों में रहते हैं। CEC देश से खुलेआम झूठ बोल रहे हैं।" खुलासे के बाद ECI ने वोटर लिस्ट से जुड़ी कुछ जानकारी वेबसाइट से हटा दी, जो राहुल के अनुसार सबूत मिटाने की कोशिश है। उन्होंने दो बूथों के CCTV फुटेज गायब होने का भी जिक्र किया, जहां फर्जी वोटिंग हुई। बिहार कनेक्शन जोड़ते हुए राहुल ने जामुई जिले के 5 वोटरों को मंच पर बुलाया, जिनके नाम SIR प्रक्रिया में बिना नोटिस काट दिए गए। प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, "बिहार में 65 लाख नाम, खासकर महिलाओं के, डिलीट किए गए। NDA 'वोट चोरी' से सरकार बनाना चाहता है।"

ECI और BJP का पलटवार, आरोप बेबुनियाद
ECI ने राहुल के दावों को 'निराधार' बताया। एक अधिकारी ने कहा, "कांग्रेस के पोलिंग एजेंट वोटिंग के दिन क्या कर रहे थे? SIR प्रक्रिया डुप्लीकेट हटाने के लिए है और हमने 3.5 लाख नाम हरियाणा से पहले ही काटे।" ECI ने पूछा कि क्या राहुल SIR का समर्थन करते हैं या विरोध? केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने तंज कसा, "राहुल का 'हाइड्रोजन बम' फुस्स हो गया। बिहार में कुछ नहीं बचा, तो हरियाणा का मुद्दा उठा रहे।" भाजपा ने इसे 'ड्रामा' करार दिया, जबकि कांग्रेस ने कहा कि सबूत ECI के ही डेटा से हैं। 

बिहार चुनाव पर असर, युवाओं को जागृत करने की अपील
राहुल ने Gen Z से अपील की, "तुम्हारा भविष्य चोरी हो रहा है। सत्य और अहिंसा से लोकतंत्र बचाओ।" विपक्ष ने चेतावनी दी कि बिहार में भी 'इंडस्ट्रियलाइज्ड वोट चोरी' हो रही है। यह खुलासा बिहार की 243 सीटों पर NDA vs INDIA की लड़ाई को और तीखा बना सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई, तो ECI को जवाब देना पड़ेगा। यह मामला भारतीय लोकतंत्र पर सवाल खड़ा कर रहा है। क्या राहुल के 'H-फाइल्स' चुनावी प्रक्रिया में सुधार लाएंगे, या यह सिर्फ राजनीतिक बवाल साबित होगा?