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हरियाणा बनेगा शिक्षा का अग्रणी केंद्र, 2025 तक नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पूरी तरह लागू करेगी सरकार: मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी

Haryana will become a leading centre of education, government will fully implement the new National Education Policy by 2025: Chief Minister Naib Singh Saini

चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के सपने को साकार करने में शिक्षा सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इसी दिशा में हरियाणा सरकार शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए लगातार काम कर रही है। प्रदेश में 2025 तक नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) को पूरी तरह लागू करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके साथ ही सरकार प्रदेशभर में नई 10 आईएमटी (इंटीग्रेटेड मल्टीपर्पज टाउनशिप) स्थापित करने जा रही है, जिनसे लाखों युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी स्थानीय सैनी शिक्षण संस्था के 75वें स्थापना वर्ष के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए। उन्होंने संस्था के शिक्षा क्षेत्र में 75 वर्षों के समर्पित योगदान की सराहना की और कहा कि यह संस्था महात्मा ज्योतिबा फुले के “कर्म ही पूजा है” के संदेश पर चलते हुए समाज में शिक्षा का प्रकाश फैलाने का कार्य कर रही है। उन्होंने अपने स्वैच्छिक कोष से संस्था को 51 लाख रुपये देने की घोषणा की और संस्था की मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया। इस अवसर पर राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा ने भी 21 लाख रुपये की राशि देने की घोषणा की।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने महात्मा ज्योतिबा फुले शिक्षा सदन का लोकार्पण और सैनी पब्लिक स्कूल के नए भवन का शिलान्यास किया। उन्होंने कहा कि महात्मा फुले और उनकी पत्नी सावित्री बाई फुले ने समाज में शिक्षा की अलख जगाई और वंचित वर्गों के उत्थान के लिए आजीवन संघर्ष किया। महिला शिक्षा और सामाजिक सुधार के उनके कार्य आज भी समाज को प्रेरित करते हैं। मुख्यमंत्री ने सैनी समाज के गौरवशाली इतिहास का उल्लेख करते हुए कहा कि इस समाज ने हमेशा श्रम, सेवा और त्याग को अपना धर्म माना है और स्वतंत्रता आंदोलन से लेकर खेल, कला और समाज सेवा तक हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि शिक्षा ही व्यक्ति और समाज की प्रगति का मार्ग प्रशस्त करती है। इसी सोच के साथ हरियाणा सरकार ने स्कूल शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक सुधारों की लंबी श्रृंखला शुरू की है। सर्व शिक्षा अभियान के तहत सभी बच्चों का नामांकन सुनिश्चित किया गया है। डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए स्मार्ट क्लासरूम, टैबलेट वितरण, ई-लर्निंग और वाई-फाई कनेक्टिविटी को प्राथमिकता दी गई है। अब तक प्रदेश में 5 लाख टैबलेट वितरित किए गए हैं, 40 हजार कक्षाओं में डिजिटल बोर्ड लगाए गए हैं और 1,201 आईसीटी लैब स्थापित की गई हैं। राज्य के 22 जिलों में अटल टिंकरिंग लैब्स स्थापित की गई हैं ताकि बच्चों में नवाचार और अनुसंधान की भावना विकसित हो। 1,001 स्कूलों में नेशनल स्किल क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क के तहत बच्चों को विभिन्न कौशलों की शिक्षा दी जा रही है। इसके अलावा प्रदेश में 1,420 राजकीय मॉडल संस्कृति प्राथमिक विद्यालय, 218 वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय और 250 पीएम श्री स्कूल स्थापित किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि “बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ” अभियान को धरातल पर उतारते हुए छात्राओं को सुरक्षित परिवहन, छात्रवृत्ति और सैनिटेशन जैसी सुविधाओं से जोड़ा गया है। कक्षा पहली से तीसरी तक बच्चों की नींव मजबूत करने के लिए फंक्शनल लिटरेसी और न्युमरेसी कार्यक्रम लागू किया गया है। उन्होंने कहा कि बीते साढ़े दस वर्षों में प्रदेश में बिना पर्ची और बिना खर्ची के 1 लाख 80 हजार युवाओं को मेरिट के आधार पर सरकारी रोजगार मिला है। आने वाले समय में शिक्षा और कौशल विकास के क्षेत्र में किए जा रहे प्रयास हरियाणा को शिक्षा का अग्रणी केंद्र बनाएंगे और प्रधानमंत्री के विकसित भारत के सपने को साकार करने में अहम भूमिका निभाएंगे।