सरकारी कर्मचारियों के लिए खुशखबरी! आठवें वेतन आयोग के लागू होने से सिर्फ सैलरी नहीं बढ़ेगी बल्कि बोनस-ग्रेच्युटी में भी होगा इज़ाफ़ा
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने आठवें केंद्रीय वेतन आयोग को आधिकारिक मान्यता दे दी है। वित्त मंत्रालय की ओर से 3 नवंबर को जारी राजपत्र अधिसूचना में आयोग के कार्यक्षेत्र और सदस्यों की घोषणा की गई। इस फैसले से लाखों सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों में नई उम्मीद जगी है, लेकिन सवाल यह है कि सिफारिशें आने के बाद बढ़ी हुई तनख्वाह कब हाथ में आएगी?
आयोग की कमान पूर्व न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई के हाथों में होगी। पंकज जैन को सदस्य-सचिव और प्रोफेसर पुलक घोष को अंशकालिक सदस्य बनाया गया है। अब इनके सामने 18 महीनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने की चुनौती है। इसका सीधा मतलब - नई सैलरी संभवतः 1 जनवरी 2026 से लागू हो सकती है, पर पूरी प्रक्रिया में अभी लंबा इंतजार बाकी है।
पिछले अनुभव बताते हैं कि सिफारिशों से लेकर वास्तविक अमल तक करीब डेढ़ साल का वक्त लगता है। यानी 2026 में लागू होने के बावजूद नई तनख्वाह और भत्तों का पूरा असर कर्मचारियों के खाते में 2028 तक ही नजर आएगा। विशेषज्ञों का मानना है कि एरियर समेत वास्तविक लाभ इसी समय तक महसूस होगा।
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, इस आयोग से लगभग 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 69 लाख पेंशनभोगियों को सीधा लाभ मिलेगा। फायदा सिर्फ मूल वेतन तक नहीं, बल्कि महंगाई भत्ता, यात्रा भत्ता, मकान किराया भत्ता और अन्य सुविधाओं में भी बढ़ोतरी होगी। एरियर की राशि एकमुश्त या किश्तों में दी जा सकती है, जो कई परिवारों की आर्थिक सेहत सुधारने में अहम भूमिका निभाएगी।
उदाहरण के तौर पर, अगर किसी कर्मचारी की मौजूदा बेसिक सैलरी 50,000 रुपये है और आयोग 20% बढ़ोतरी सुझाता है, तो नई सैलरी 60,000 रुपये हो जाएगी। 18 महीनों का एरियर करीब 1,80,000 रुपये बैठेगा (10,000 रुपये × 18) - कुल मिलाकर 9 लाख तक की राशि बन सकती है, जो एकमुश्त या किश्तों में मिलेगी। 2026 से नई दरें लागू होने की संभावना है, लेकिन वास्तविक राहत 2028 तक पूरी तरह महसूस होगी। कुल मिलाकर, आठवां वेतन आयोग सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए एक बड़ी वित्तीय राहत की दस्तक है।