वसंत पंचमी पर बागेश्वर में उमड़ा आस्था का सैलाब! जनेऊ संस्कार कराने दूर-दूर से पहुंचे लोग, जानें क्या है विशेष महत्व

बागेश्वर। कुमाऊं की काशी बागेश्वर में सरयू के संगम में स्थित सूरज कुण्ड में वसंत पंचमी पर विशेष पूजा का प्रावधान है। बसंत ऋतू के आगमन का विशेष प्रतीक वसंत पंचमी के दिन बागेश्वर के सूरजकुंड में पूरे कुमाऊं और गढ़वाल के लोग जनेऊ संस्कार कराने आते हैं। आज के दिन जनेऊ संस्कार करने का यहां विशेष महत्व है। कहा जाता है कि मार्कण्डेय मुनि ने इसी स्थान पर मां सरस्वती की तपस्या की थी। प्राचीन धर्म गर्न्थो में भी इसका वर्णन मिलता है कि मार्कण्डेय मुनि की तपस्या के चलते सरयू नदी का पानी यहीं पे रुक गया था, जिससे यहां पर एक कुण्ड बन गया और सरयू ने भगवान बागनाथ का आह्वाहन किया, जिसके बाद भगवान शिव ने ब्याघ्रेश्वर के रूप में सरयू और मार्कण्डेय मुनि को अनुग्रहित किया। तब से बागेश्वर सूरज कुण्ड में वसंत पंचमी को विशेष पूजा मां सरस्वती के भक्तों और श्रद्धालुओं द्वारा हर वर्ष की जाती है।