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पहले रेप फिर टू फिंगर टेस्ट!महिला अधिकारी के साथ हुआ अन्याय,मच गया बवाल,क्या है टू फिंगर टेस्ट जिसे भारत मे बैन कर दिया लेकिन यहाँ हो रहा है

First rape then two finger test! This is also like rape again, what is the two finger test which is banned in India but it is happening here

पहले रेप फिर पीड़िता का टू फिंगर टेस्ट? ये दोनों ही शारीरिक और मानसिक रूप से किसी को भी झकझोर कर रख दे। कोयंबटूर में भी एक ऐसा मामला सामने आया जिसमे रेप पीड़िता को टू फिंगर टेस्ट से गुजरना पड़ा। दरअसल कोयंबटूर की एक महिला ने अपने सहकर्मी पर रेप का आरोप लगाया ,उसने जब रेप की शिकायत अधिकारियों से की उन्होंने पीड़िता को डॉ के पास भेजा, डॉ ने महिला का टू फिंगर टेस्ट किया। जिसके बाद आरोपी को हिरासत में ले लिया गया। कोयंबटूर पुलिस मामले के जांच में जुट गई है। इस मामले के बाद अब टू फिंगर टेस्ट को लेकर सवाल उठने लगे है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने 2013 में ही टू फिंगर टेस्ट पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने लीलु और एन आर बनाम हरियाणा राज्य के मामले में कहा था कि टू फिंगर टेस्ट नही किया जाना चाहिए ये असंवैधानिक है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने साल 2014 में रेप पीड़ितो के लिए दिशा निर्देश जारी किए थे जिसके मुताबिक हर अस्पताल में पीड़िता की फोरेंसिक जांच, और इलाज इत्यादि के लिए अलग से कमरा होना चाहिए,इन दिशानिर्देशो में पीड़िता के साथ टू फिंगर टेस्ट को गैरकानूनी और अवैज्ञानिक करार दिया गया था। डब्लूएचओ ने भी इस प्रक्रिया को अनैतिक बताया था। डब्लूएचओ ने कहा था कि रेप के केस में अकेले पीड़िता के हाइमन की जांच से कुछ पता नही चलता। टू फिंगर टेस्ट मानवाधिकार उल्लंघन के साथ साथ पीड़िता के लिए बेहद दर्द का कारण बन सकता है। ये भी एक यौन हिंसा के बराबर ही है जिसे पीड़िता दोबारा अनुभव करती है। टू फिंगर टेस्ट भी किसी रेप से कम नही है। 


आइये अब जानते है कि टू फिंगर टेस्ट आखिर होता क्या है?

 
टू फिंगर टेस्ट एक मैनुअली प्रक्रिया है जिसमे पीड़िता के प्राइवेट पार्ट में दो उंगली डालकर जांच की जाती है कि वो वर्जिन है या नही। इस प्रक्रिया में पीड़िता के प्राइवेट पार्ट में मौजूद हाइमन का भी पता लगाया जाता है। इस प्रक्रिया में भी लड़की को दर्द से गुजरना पड़ता है। 2013 में भारत मे इस प्रक्रिया को पूर्ण रूप से बैन कर दिया गया था साल 2018 में इस प्रक्रिया को बांग्लादेश में भी बैन कर दिया गया था।