दिल्ली कार ब्लास्ट: अब आरोपियों के उत्तराखंड से मिले सात कनेक्शन! रडार पर कुछ डॉक्टर और प्लेसमेंट एजेंसी के लोग

Delhi car bomb blast: Seven accused have Uttarakhand connections! Some doctors and placement agency personnel are on the radar.

उत्तराखंड। दिल्ली कार ब्लास्ट जांच की आंच अब उत्तराखंड तक पहुंच गई है। प्रदेश में सात संदिग्धों की जानकारी उत्तर प्रदेश एटीएस ने उत्तराखंड के इंटेलिजेंस मुख्यालय से साझा की है। ये सभी अलग-अलग समय में ब्लास्ट के आरोपियों के संपर्क में रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, उत्तराखंड पुलिस की इंटेलिजेंस और एसटीएफ टीम सातों संदिग्धों की गहन जांच कर रही हैं। इनसे अलग-अलग राउंड में पूछताछ की जा रही है। साथ ही पिछले छह माह की गतिविधियां, कॉल रिकॉर्ड आदि की पड़ताल की जा रही है। सुरक्षा एजेंसियों ने ब्लास्ट के मुख्य आरोपी और आत्मघाती हमलावर डॉ. उमर उन नबी और उसके गिरफ्तार सहयोगी आमिर राशिद अली, डॉ. मुजम्मिल शकील, डॉ. आदिल राठर, डॉ. शाहीन शाहिद व उनके नेटवर्क के अन्य सदस्यों की कॉल रिकॉर्ड, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की जांच व विभिन्न ऐप के डेटा निकाले हैं। इससे मिले अहम सुराग के बाद अब दिल्ली ब्लास्ट के तार उत्तराखंड से भी जुड़ने लगे हैं।

दिल्ली ब्लास्ट में जिस तरह से आत्मघाती हमलावर डॉ. नबी ने आईईडी से भरी कार से विस्फोट किया, उसमें साजिश के तार कश्मीर से लेकर हरियाणा और उत्तर प्रदेश तक फैले मिले। इसके बाद उत्तराखंड से जुड़े लिंक्स की जांच इस आतंकी मॉड्यूल को पूरी तरह से बेनकाब करने की दिशा में एक अहम कड़ी मानी जा रही है। सूत्रों के अनुसार, उत्तराखंड में जिन सात लोगों की जांच की जा रही है, उनमें एक प्लेसमेंट एजेंसी चलाने वालों के अलावा आरोपियों के दो साथी और मेडिकल प्रोफेशन से जुड़े अन्य लोग शामिल हैं। इंटेलिजेंस हेडक्वार्टर के निर्देश पर एसटीएफ की एक टीम इन सातों को रडार पर लेकर जांच पड़ताल में जुटी है। ब्लास्ट के मामलों में शुरुआती गिरफ्तारियों के बाद ही यूपी एटीएस की टीम इन लिंक्स को खंगालने के लिए उत्तराखंड आने वाली थी, लेकिन इंटेलिजेंस हेडक्वार्टर के समन्वय से एसटीएफ उन सभी तक पहुंच गई और पिछले कुछ दिनों से लगातार पूछताछ कर सत्यापन की प्रक्रिया चल रही है। समन्वय डेस्क के जरिये दोनों राज्यों की पुलिस लगातार जांच से जुड़ी सूचनाएं साझा कर रहे हैं। ऐसे में यूपी एटीएस की टीम को फिलहाल उत्तराखंड भेजने की आवश्यकता नहीं रही है।