मुस्लिम देश मोरक्को का बड़ा फैसला! बकरीद पर नहीं करेंगे कुर्बानी, जानें क्या है वजह?

Big decision of Muslim country Morocco! Will not sacrifice on Bakrid, know what is the reason?

नई दिल्ली। दुनियाभर में ईद के पर्व को लेकर उत्साह देखने को मिल रहा है। इस बीच एक बड़े मुस्लिम देश ने बड़ा फैसला लिया है। 99 परसेंट मुस्लिम आबादी वाले इस्लामिक मुल्क मोरक्को ने कुर्बानी को लेकर सख्त आदेश दिए हैं कि कोई भी नागरिक ईद पर बकरे या किसी और जानवर की कुर्बानी नहीं देगा। खबरों की मानें तो मोरक्को प्रशासन ने ईद-अल-अज़हा से पहले मोरक्को में पशु बाजारों को बंद कर दिया है। साथ ही बकरे समेत किसी भी अन्य पशु की कुर्बानी नहीं देने का आदेश सुनाया है। मोरक्को वर्ल्ड न्यूज के मुताबिक ईद-अल-अज़हा से पहले पारंपरिक पशु बलि को रद्द करने के शाही निर्देश दिया गया है। इसके बाद मोरक्को प्रशासन ने देशभर में पशु बाजारों को बंद करने का अभियान शुरू कर दिया है।

यह कदम घटती पशुधन संख्या की रक्षा करने और संकटग्रस्त समुदायों पर दबाव कम करने के उद्देश्य से उठाया गया है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार किंग मोहम्मद षष्ठम द्वारा जारी निर्णय के तहत इस वर्ष पारंपरिक पशु बलि को रद्द कर दिया गया है। यह निर्णय देश में चल रहे सूखे और आर्थिक कठिनाइयों के कारण लिया गया है, जिनकी वजह से पशुधन की संख्या में तेज गिरावट आई है। पशुधनों की बलि रोकने के लिए प्रशासन ने यह निर्देश देशभर के गवर्नरों और स्थानीय अधिकारियों को भेजा है। उन्हें इस प्रतिबंध को सख्ती से लागू करने को कहा गया है। ईद से पहले आमतौर पर सक्रिय रहने वाले सार्वजनिक और मौसमी पशु बाजारों को बंद करने पर विशेष जोर दिया गया है। रिपोर्ट्स में बताया गया है कि कई प्रांतों ने सभी साप्ताहिक भेड़ बाजारों को बंद करने, बलि से संबंधित सभी जनसभाओं पर प्रतिबंध लगाने, नगरपालिका बूचड़खानों को अस्थायी रूप से बंद करने और कुछ क्षेत्रों में बलि उपकरणों की बिक्री तक पर रोक लगाने जैसे सख्त कदम उठाए हैं।

राजा मोहम्मद- VI ने बुधवार को मोरक्को के लोगों से आग्रह किया कि इस बार सूखा पड़ने की वजह से पशुओं की संख्या में कमी हो रही है। इसके चलते बलि के लिए भेड़ें ना खरीदें। उन्होंने आगे कहा कि सूखे के कारण कुछ लोगों ने पशु पालना बंद कर दिया है, इसलिए परिस्थितियों को समझते हुए यह फैसला लिया गया है। मोरक्को के राजा ने कहा बकरीद के दिन लोग खुदा की इबादत करें और गरीबों और वंचितों को दान देकर अपना त्योहार मना
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