Big Breaking: आवारा पशुओं के मामले में सुप्रीम फैसला! कहा- 8 हफ्ते में सभी सरकारी संस्थानों में बाड़ लगाएं, हाईवे से जानवरों को हटाएं

Big Breaking: Supreme Court verdict on stray animals! Statements: Fence all government institutions within 8 weeks and remove animals from highways.

नई दिल्ली। आवारा पशुओं के मामले में आज सुप्रीम कोर्ट ने अपना अहम फैसला सुना दिया है। जस्टिस विक्रम नाथ, संदीप मेहता और एनवी अंजारिया की संयुक्त बेंच ने तीन हिस्सों में अपना फैसला सुनाया है। पहले हिस्से में उन्होंने अगली सुनवाई तक सभी राज्यों से रिपोर्ट मांगी है, जिसमें यह बताया जाएगा कि कमियों को दूर करने के लिए क्या किया गया है। दूसरे हिस्से में हाईवे से जानवरों को हटाने की बात कही गई है। वहीं तीसरे हिस्से में सभी सरकारी संस्थानों की फेंसिंग करने का आदेश दिया गया है। जस्टिस मेहता ने कहा कि आदेश तीन हिस्सों में है। पहला हिस्सा कंप्लायंस यानी पालन से जुड़ा है। अमिकस की रिपोर्ट को कोर्ट ने अपने आदेश का हिस्सा माना है। कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा है कि अगली तारीख से पहले वे एक हलफनामा दें, जिसमें यह बताया जाए कि रिपोर्ट में जिन कमियों की ओर ध्यान दिलाया गया है, उन्हें दूर करने के लिए क्या-क्या कदम उठाए गए हैं। कोर्ट ने ये भी साफ कहा कि अगर कोई ढील दिखी या लापरवाही हुई, तो उसे बहुत गंभीरता से देखा जाएगा। जस्टिस मेहता ने कहा कि आदेश तीन हिस्सों में है।

पहला हिस्सा कंप्लायंस यानी पालन से जुड़ा है। अमिकस की रिपोर्ट को कोर्ट ने अपने आदेश का हिस्सा माना है। कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा है कि अगली तारीख से पहले वे एक हलफनामा दें, जिसमें यह बताया जाए कि रिपोर्ट में जिन कमियों की ओर ध्यान दिलाया गया है, उन्हें दूर करने के लिए क्या-क्या कदम उठाए गए हैं। कोर्ट ने ये भी साफ कहा कि अगर कोई ढील दिखी या लापरवाही हुई, तो उसे बहुत गंभीरता से देखा जाएगा। कोर्ट ने निर्देश दिया है कि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिव यह सुनिश्चित करें कि आदेश का सख्ती से पालन हो। अगर ऐसा नहीं हुआ, तो जिम्मेदार अफसरों पर व्यक्तिगत तौर पर कार्रवाई होगी। 8 हफ्तों में स्टेटस रिपोर्ट देनी होगी, जिसमें बताया जाए कि इन निर्देशों को लागू करने के लिए क्या सिस्टम बनाया गया है। जस्टिस मेहता ने कहा कि तीसरा हिस्सा संस्थानों की सुरक्षा से जुड़ा है। बढ़ते कुत्ते के काटने की घटनाओं को देखते हुए कोर्ट ने यह जरूरी निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने कहा कि सभी राज्य सरकारें और केंद्र शासित प्रदेश 2 हफ्तों के भीतर अपने सभी सरकारी संस्थानों की पहचान करें। जैसे जिला अस्पताल, पब्लिक स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, रेलवे स्टेशन आदि। इन जगहों पर फेंसिंग (बाड़) लगाई जाए कि आवारा कुत्ते अंदर न आ सकें। यह काम 8 हफ्तों के अंदर पूरा किया जाए।