बिग ब्रेकिंग: लोकसभा में पास हुए 3 नए क्रिमिनल बिल! नए बिल में आतंकवाद की व्याख्या सहित नाबालिग से रेप और मॉब लिंचिंग पर होगी फांसी की सजा का होगा प्रावधान! क्या कुछ कहा गृह मंत्री अमित शाह ने पढ़िए खबर के लिंक में

Big Breaking: 3 criminal bills passed in Lok Sabha! There will be provision for death penalty for rape and mob lynching of a minor along with explanation of terrorism in the new bill!  Read what Home

नयी दिल्ली : बीते सप्ताह संसद की सुरक्षा में चूक और 14 सांसदों को निलंबित करने के विरोध में संसद की कार्यवाही में बाधा पहुंचाने वाले राज्यसभा के 45 और लोकसभा के 33 समेत विपक्ष के कुल 78 सांसदों को निलंबित किया गया इधर आज लोकसभा में आज 3 नए क्रिमिनल बिल पास हो गए। ये तीनो बिल पास होने पर अब भारत के इतिहास के ऐसे कानूनों को लागू किया जाएगा जिससे भारत मे नाबालिग से रेप मॉब लीचिंग जैसे अपराधों पर फांसी की सजा दी जाएगी। वही नए बिल से अब भारत मे पहली बार आतंकवाद की भी व्याख्या की जायेगी। नए बिलो को अब राज्यसभा में रखा जाएगा उसके बाद राष्ट्रपति की अनुमति के लिए भेजा जाएगा,राष्ट्रपति की मुहर लगने के बाद ये तीनो बिल पूरे भारत मे लागू कर दिए जाएंगे।


लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि तीन आपराधिक कानूनों के स्थानों पर लाए गए विधेयक गुलामी की मानसिकता को मिटाने और औपनिवेशिक कानूनों से मुक्ति दिलाने की नरेन्द्र मोदी सरकार की प्रतिबद्धता को दिखाते हैं.उन्होंने भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक 2023 पर सदन में हुई चर्चा का जवाब देते हुए ये भी कहा कि ‘व्यक्ति की स्वतंत्रंता, मानव के अधिकार और सबके साथ समान व्यवहार' रूपी तीन सिद्धांत के आधार पर ये प्रस्तावित कानून लाए गए हैं । अमित शाह ने कहा कि  स्थायी समिति के द्वारा बताए गए संशोधनों के बाद  मैं वो तीनों बिल वापस लेकर नए बिल लेकर आया हूं । अमित शाह ने बताया कि  भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में पहले 485 धाराएं थी परिवर्तन के बाद अब 531 धाराएं होंगी । उन्होंने आगे कहा कि नए कानून के अब पुलिस की भी जवाबदेही तय होगी । उन्होंने ये भी कहा कि इन विधेयकों के माध्यम से सरकार ने तीनों आपराधिक कानूनों को गुलामी की मानसिकता से मुक्त कराया है । "पहले के कानूनों के तहत ब्रिटिश राज की सलामती प्राथमिकता थी, अब मानव सुरक्षा, देश की सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई है." इस दौरान उन्होंने विपक्ष में से किसी का नाम नही लिया लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर मन इटली का है तो ये कानून कभी समझ नहीं आएगा, लेकिन अगर मन यहां का है तो समझ आ जाएगा । इस ऐतिहासिक सदन में करीब 150 साल पुराने तीन कानून, जिनसे हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली चलती है, उन तीनों कानूनों में पहली बार मोदी जी के नेतृत्व में भारतीयता, भारतीय संविधान और भारत की जनता की चिंता करने वाले बहुत आमूल-चूल परिवर्तन लेकर मैं आया हूं."

उन्होंने ये भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी  ने गुलामी की मानसिकता को मिटाने की दिशा में काम किया है,प्रधानमंत्री ने लाल किले की प्राचीर से कहा था कि औवनिवेशिक कानून से मुक्ति मिलनी चाहिए और इसी के तहत गृह मंत्रालय ने कानूनों को बदलने के बारे में काम करना आरंभ किया। उन्होंने ये भी कहा कि आतंकवाद की व्याख्या अब तक किसी भी कानून में नहीं थी। पहली बार अब मोदी सरकार आतंकवाद की व्याख्या करने जा रही है." उन्होंने कहा कि सरकार राजद्रोह को देशद्रोह में बदलने जा रही है. गृह मंत्री ने सदन में कहा कि 'मॉब लिंचिंग. घृणित अपराध है और इस कानून में मॉब लिंचिंग अपराध के लिए फांसी की सजा का प्रावधान किया जा रहा है।


नए बिल पर बात करते करते गृह मंत्री अमित शाह विपक्ष पर तंज कसना नही भूले,उन्होंने कहा, "मैं विपक्ष से पूछना चाहता हूं कि आपने भी वर्षों देश में शासन किया है, आपने मॉब लिंचिंग के खिलाफ कानून क्यों नहीं बनाया? आपने मॉब लिंचिंग शब्द का इस्तेमाल सिर्फ हमें गाली देने के लिए किया, लेकिन सत्ता में रहे तो कानून बनाना भूल गए."