Awaaz Breaking : मित्र पुलिस के बड़े बाबू पर सहकर्मी के साथ रेप के मामले में आखिरकार दर्ज हुई एफआईआर ! सिर्फ आवाज़ इंडिया ने उठाया था महिला पुलिसकर्मी का मामला

कई वर्षों तक न्याय के लिए भटकने वाली उत्तराखंड पुलिस की महिला एएसआई कार्मिक की आंखिरकार खुद के ही पुलिस विभाग में सुनवाई हो ही गयी। थाने के ऑफिसर इंचार्ज के अनुरोध और महिला आयोग के निर्देश का संज्ञान लेते हुए महिला पुलिसकर्मी की तहरीर के अनुसार पिथौरागढ़ पुलिस ने बड़े बाबू नंदन सिंह राठौड़ पर दुष्कर्म के मामले में एफआईआर दर्ज़ कर ली है ।
पुलिस को दी गयी तहरीर के अनुसार वर्ष 2016 में पिथौरागढ़ में तैनात महिला एएसआई ने बड़े बाबू नन्दन सिंह राठौर के द्वारा उसके साथ किए गए यौन उत्पीड़न और बलात्कार का आरोप लगाया है । जाजरदेवल पुलिस ने पीड़िता की तहरीर के आधार पर पुलिस अधिकारी नन्दन सिंह राठौर के खिलाफ धारा 173 बीएनएसएस के तहत और आईपीसी की धारा 328, 376 (2)(ख),452,और 506 के तहत एफआईआर दर्ज़ कर ली है ।
पीड़िता एएसआई का कहना है कि आरोपी पुलिस अधिकारी नंदन सिंह राठौर ने बदनीयती से साल 2016 में पति की अनुपस्थिति में उनके घर में जबरन प्रवेश किया और चाय बनाने को कहा जब आरोपी की मंशा पूरी नहीं हुई तो उसने पीड़िता को विभागीय कार्रवाही का डर दिखाया और जबरन शहर से दूर नैनीपातल नामक सुनसान जगह पर ले गया और कोल्डड्रिंक में नशीला पदार्थ मिलाकर बलात्कार किया ।
पीड़िता के द्वारा लगाए गए आरोपों के अनुसार बड़े बाबू नन्दन सिंह राठौर ने पीड़िता के साथ मार पीट की और घटना का जिक्र करने पर विडियो वायरल और जान से मारने की धमकी दी । वापस लौटने पर पीड़िता ने एसपी विजय कार्की को इस घटना की जानकारी दी, लेकिन एसपी साहब ने कोई कार्रवाई नहीं की । बार बार अनुरोध करने पर एसपी विजय कार्की नाराज हो गए और पीड़िता को स्थानीय थाने जाने का निर्देश दिया । जिसके बाद पीड़िता कोतवाली गयी और वहाँ के पुलिस अधिकारियों से बड़े बाबू नन्दन सिंह राठौर के खिलाफ कार्रवाही करने के लिए निवेदन किया, लेकिन पुलिस विभाग के अधिकारियों ने आरोपी के खिलाफ कोई कार्रवाही नहीं की । पीड़िता ने एक अन्य आरोप में बताया है कि बड़े बाबू नन्दन सिंह राठौर राजनैतिक प्रभाव वाले पुलिस अधिकारी है और बड़े पुलिस अधिकारियों के कमीशन एजेंट के रूप में कार्य करते है, इस मामले में भी नन्दन सिंह राठौर ने भारी रकम बड़े अधिकारियों को कमीशन के तौर पर दी है, जिस वजह से आज तक एफआईआर दर्ज़ नहीं हो पायी ।
आपको बता दें कि आवाज़ इंडिया ने पीड़िता के साथ हुई इस घटना को प्रमुखता से उजागर किया था,जिसके बाद डीआईजी योगेन्द्र सिंह रावत ने तीन जाँचों का हवाला देते हुए पीड़िता के आरोपों को निराधार बताया था । पीड़िता के द्वारा न्यायालय में भी मामला दर्ज़ करवाया गया है, जिस पर नैनीताल पुलिस लंबे अरसे से कार्रवाही के नाम पर जांच कर रही है और पीड़िता को परेशान कर रही है ,जबकि महिला आयोग की जांच में माना है कि पीड़िता के साथ हुई उक्त घटना बेहद शर्मनाक और आपत्तिजनक है अब देखना ये खास होगा कि इस मामले में वर्षों से सोया पुलिस प्रशासन पीड़ित को न्याय दिलवा पाता है या नहीं ।