13 हजार साल पहले भी बजते थे रिकार्डर

ये दुनिया ना जाने कितने अनगिनत रहस्यो से भरी हुई है जिसके बारे मे जानकर बड़े से बड़े वैज्ञानिक भी हैरान हैं ऐसी ही रहस्य भरी एक गुफा है जो तिब्बत और चीन के बीच बोकाना पर्वत पर स्थित है 1937 मे ओशो ने जानकारी दी थी कि इस गुफा के अंदर 716 पत्थर के रिकार्डर मिले हैं जी हां एक नही दो नही बल्कि पूरे 716 ।ये इत्तेफाक नही हो सकता कि एक गुफा के अंदर इतने सारे और एक ही आकार के एक ही जैसे पत्थर के रिकार्डर हों।आज से साढ़े तेरह हजार साल पुराने ये पत्थर हूबहू ग्रामोफोन के रिकार्डर जैसे हे बीचो बीच एक छेद और ग्रूव्स भी बना हुआ है।

भी अब तक कोई ये नही बता पाया है कि ये पत्थर के रिकार्डर चलेंगे किस पर ?अगर रिकार्डर है तो कोई तो सूई या कुछ तो रहा होगा जिस पल ये प्ले होते होंगे।रूस के एक बड़े वैज्ञानिक सर्जिएव ने इन पत्थरों को देखकर काफी रिसर्च की और प्रमाणित भी किया कि ये हैं तो रिकार्डर ही पर किस यंत्र पर ये चलेंगे ये कहना मुश्किल है इन रिकार्डर्स की जब साफ सफाई करने के बाद विद्युत यंत्रो का प्रयोग इन पर किया तो रिकार्डर्स से प्रति पल विद्युत की किरणें विकिरण हुईं।हैरानी की बात है आज से 13 हजार साल पहले ऐसे पत्थर के रिकार्डर बन चुके थे जिन पर कुछ रिकार्ड किया जा सके।इन रिकार्डर्स में क्या छुपा है ये कोई नही जान पाया लेकिन अगर कभी ऐसा यंत्र बना जिससे ये रिकार्डर्स चल पड़े तो इतिहास के गर्भ से बहुत निकल कर आयेगा जो हमे हैरान कर देगा।

भारत में क्या पूरी दुनिया में ना जाने कितने अनसुलझे रहस्य है जो दिमाग ही चकरा दें।जितनी ये दुनिया दिखती है उससे कहीं ज्यादा रहस्यमय बाते यहां छिपी हुई है।

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