"सरनेम" को लेकर पीएम मोदी ने कह डाली ये बात।

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मलयालम मनोरमा के एक कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए जात पात को कहीं पीछे धकेल कर ऐसी बात कह डाली, जिससे भेदभाव जैसी मानसिकता को धक्का लग सकता है,पीएम मोदी ने कहा कि नए भारत मे  "सरनेम" मायने नही रखता बल्कि अपना नाम बनाने के लिए आज के युवाओं में क्षमता होना मायने रखता है"सालो तक ऐसी संस्कृति को देश मे आगे बढ़ाया गया जहाँ आकांक्षा एक बुरा शब्द बन गया लोगो के सरनेम और संपर्क के आधार पर दरवाज़े खुलते हैं।"



मोदी ने अपने संबोधन में आगे कहा कि नए भारत मे भ्रष्टाचार के लिए कोई जगह नही है। नए भारत के लिए और ज़्यादा बेहतर कैसे करे, जिससे समाज का सही दिशा में विकास हो सके इस बात पर देश को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि "हमे हर बात पर सहमत होने की ज़रूरत नही है,सभी के जीवन मे इतनी सभ्यता होनी चाहिए कि लोग विभिन्न विचारधाराओ के होने के बाद भी एक दूसरे को सुन सके।