"पौधे वाले गुरुजी" और "ट्री मैन",इनके बारे में जान लेंगे तो सैल्युट किये बिना नही रहेंगे।

ये हैं "पौधे वाले गुरुजी",जो हर रोज़ अपनी ग्रीन पाठशाला में फ्री की कोचिंग देते हैं,इनका नाम राजेश कुमार है।इनके बारे में जानकर आप भी इन पर गर्व करने लगेंगे।

आज पूरी दुनिया प्रदूषण के खिलाफ लड़ रही है,भारत मे प्रदूषण का स्तर इतना ज़्यादा खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है कि अभी हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत के ही 15 शहरों को विश्व के सबसे प्रदूषित शहर बताए थे।भारत मे हर तरह की राजनीति होती है लेकिन आजतक प्रदूषण को लेकर किसी पार्टी ने चुनाव में मुद्दा नही उठाया,लेकिन बिहार के राजेश कुमार ना तो कोई नेता है ना उनका राजनीति से कभी कोई लेना देना है पर फिर भी उनके द्वारा एक ऐसी पाठशाला बनाई गई है जिसमे वो खुद एक टीचर है और हर विद्यार्थी से वो गुरुदक्षिणा में पौधरोपण करवाते हैं।एक विद्यार्थी को अपनी फीस के रूप में 18 पौधे एक बार मे लगाने होते हैं,इतना ही नही ग्रीन पाठशाला में जब भी कोई राष्ट्रीय पर्व मनाया जाता है तो वहां लड्डू इत्यादि की जगह प्रसाद के रूप में फलदार पौधा ही दिया जाता है।




राजेश सिर्फ ग्रीन पाठशाला ही नही चलते बल्कि वो बिन बुलाए मेहमान बनकर भी किसी भी शादी समारोह में अपनी पूरी टीम के साथ पहुंच जाते हैं ,है ना ये थोड़ा अजीब ? लेकिन राजेश शादी समारोह में दावत के मज़े लेने नही पहुंचते,बल्कि वो दूल्हा दुल्हन को उपहार के तौर पर पौधे देने जाते हैं,और वर वधु के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हैं,साथ ही राजेश हर शादी में हर त्योहार में पौधे बांटकर सेल्फी भी लेते हैं सोशल मीडिया में वो एक नही कई नामो से छाए हुए हैं,राजेश के विद्यार्थी उन्हें पौधे वाले गुरुजी बुलाते है तो बाकी लोग उन्हें ट्री मैन बुलाते हैं,उनके द्वारा चलाये गए अभियान "सेल्फी विद ट्री" आजकल खूब प्रचलित हो रहा है।ये अभियान उनकी पाठशाला औए बीएसएस क्लब के द्वारा चलाया जा रहा है।


राजेश लोगो को ज्ञान कम औए पौधरोपण करना ज़्यादा सिखाते है ताकि आने वाले भविष्य में पॉवर बैंक की तरह पौधों को हर वक्त अपने पास न रखना पड़े।

बिहार के समस्तीपुर और आसपास के इलाकों में राजेश "पौधे वाले गुरुजी ट्री मैन "के नाम से खूब ख्याति बंटोर रहे हैं,अब तक राजेश 80 हज़ार से भी ज़्यादा पेड़ पौधे लगवा चुके हैं।



राजेश जब 6 साल के थे तभी से वो पौधरोपण करते आ रहे हैं,अपने बर्थडे पर भी वो अपने रोपे गए पौधों के साथ ही ज़्यादा समय बिताते हैं,यहाँ तक कि वो अपनी शादी की सालगिरह हो या करवाचौथ का त्योहार अपनी पत्नी को भी उपहार के तौर पर पौधा ही भेंट में देते हैं। राजेश ने अपनी सरकारी नौकरी छोड़कर गरीब बच्चों के उत्थान के लिए 2008 में बीएसएस क्लब की शुरुआत की,इस क्लब में उन्हें सबसे ज़्यादा सहयोग उनके मामाजी का मिला,इस क्लब के माध्यम से राजेश 10वीं पास विद्यार्थियों को सरकारी नौकरी के लिए भी तैयार करवाते हैं।अब तक राजेश 4 हज़ार से भी ज़्यादा बच्चों को शिक्षा दे चुके हैं और करीब 350 से अधिक विद्यार्थियों की अलग अलग विभागों में सरकारी नौकरी के लिए परीक्षा पास करवाने में सफल हुए हैं।अपनी कमाई का 60 प्रतिशत राजेश इसी अभियान में लगा देते हैं।उनका मानना है कि पर्यावरण का संरक्षण तभी हो सकता है जब सही मायनों में हम पर्यावरण की रक्षा को अपने जीवन का उद्देश्य, और अपनी संस्कृति का हिस्सा बनाएंगे,पेड़ो को, नदियों को बचाना और पेड़ लगाना हमारे रीति रिवाजों में शामिल होना चाहिए।