साफ़िया के जज़्बे को सलाम ! ऑक्सिजन सिलेंडर लगाकर दे रही हैं हाइस्कूल की परीक्षा।

बहाने तो हमेशा रहते हैं,लेकिन मौके कभी कभी ही मिलते हैं,हौसलों की उड़ान ज़िद्दी हो तो मुश्किलों से भी लड़ा जा सकता है।आज हम जिसके बुलंद हौसलों की बात कर रहे हैं वो बरेली के बलिया की एक छात्रा साफ़िया जावेद हैं,जो कि ऑक्सीजन के सिलेंडर को लगाकर ही हाइस्कूल की परीक्षा देने स्कूल जा पहुंची।
साफ़िया पिछले पांच सालों से फेफड़ों की बीमारी से जूझ रहीं है,पहले ही वो काफी बीमार थी कि उन्हें अब टीबी भी हो गयी जिसकी वजह से उन्हें सांस लेने में खासी दिक्कत होती है।डॉक्टरों की माने तो साफ़िया को 24 घंटे ऑक्सीजन लगाकर रखनी ज़रूरी है,इसलिए वो पिछले एक साल से चौबीसों घंटे ऑक्सीजन के सहारे ही अपनी ज़िंदगी जी रहीं हैं।बीमारी की वजह से उनकी पढ़ाई भी पीछे रहने लगी थी लेकिन साफ़िया ने हिम्मत नही हारी और इस बार हाइस्कूल का प्राइवेट फॉर्म भर दिया,लेकिन मन ही मन साफ़िया को बेचैनी होने लगी कि मैं परीक्षा केंद्र में बिना ऑक्सीजन के कैसे जा पाऊंगी? परिवार वालो ने साफ़िया का हौसला बढ़ाया,और उन्होंने एक लिखित प्रार्थना पत्र परीक्षा केंद्र में देकर ऑक्सीजन सिलेंडर को परीक्षा कक्ष में ले जाने की अनुमति ले ली,हालांकि साफ़िया ने मन मे ठान लिया था कि अगर ऑक्सीजन सिलेंडर कक्ष के अंदर नही जाने दिया तब भी वो परीक्षा ज़रूर देंगी।साफ़िया के जज़्बे को देखते हुए कॉलेज प्रशासन और शिक्षा विभाग ने भी साफ़िया की पूरी मदद की,अब साफ़िया अपने हाइस्कूल के एग्जाम ऑक्सीजन सिलेंडर लगाकर आराम से दे पा रहीं हैं।साफ़िया की कही गयी बात आज सबके लिए एक मिसाल है कि" वो बीमार ज़रूर हैं लेकिन कमज़ोर नहीं"।