वायरल निबंध - प्रदूषण बन गया दीवाली की तरह बड़ा त्यौहार

दिल्ली में प्रदूषण इस कदर बढ़ चुका है कि दिल्ली शहर दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की गिनती में नंबर वन पर पहुंच गया है,दिल्ली में प्रदूषण मानो दिल्ली वालों के लिए कोई त्यौहार बन चुका हो,चौंक गए? जी हां ,छोटे छोटे मासूम बच्चों को प्रदूषण से होने वाले नुकसान के बारे में भले ही ज़्यादा न पता हो पर प्रदूषण की वजह से मिलने वाले अवकाश को ये नन्हे बच्चे किसी बड़े त्यौहार की तरह मानने लगे हैं।आप खुद ही पड़ लीजिये।
ये निबंध किस बच्चे ने लिखा है ये तो पता नही पर इन दिनों ये प्रदूषण पर लिखा ये निबंध सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रहा है,इसमें बच्चे ने दीवाली से भी ज़्यादा अवकाश प्रदूषण की वजह से मिलता है लिखा है इसीलिए प्रदूषण इस बच्चे के लिए दीवाली जैसे बड़े त्यौहार की तरह है। बच्चे तो मासूम होते है उन्हें नही पता कि प्रदूषण की वजह से 2016 में 5 साल से कम उम्र के एक लाख से ज़्यादा बच्चों की मौत हो गयी थी जिनमे भारत मे ही 60,987 बच्चे शामिल थे।बच्चों को तो बस छुट्टियों से मतलब होता है ताकि वो अपने मन की कर सके और खूब खेल कूद कर सके।प्रदूषण पर इस तरह का निबंध शायद पहली बार लिखा गया है ,आप उस बच्चे के अंतर्मन को इस निबंध के ज़रिए अच्छे से समझ सकते हैं।
आपको बता दे कि दिल्ली में प्रदूषण को कम करने के लिए केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड ने पाइलेट परियोजना के तहत करोड़ो रुपयों को खर्च कर जगह जगह एयर प्यूरीफायर लगवाए पर ये स्कीम भी प्रदूषण के आगे घुटने टेक चुकी है,क्योकि एयर प्यूरीफायर 150 से 200 एक्यूआई को तो कम कर सकती है पर 400 से ज़्यादा एक्यूआई होने पर सिर्फ 15 फीसदी तक ही प्रदूषण को कम कर सकती है और दिल्ली में तो हर जगह एक्यूआई लेवल 450 से ज़्यादा दर्ज हो रहा है।