लोकतंत्र की आज़ादी सिर्फ दिल्ली के शाहीन बाघ में ,मध्यप्रदेश में तो थप्पड़ पड़ेंगे।

एक ओर दिल्ली के शाहीन बाघ में सीएए, एनआरसी के विरोध प्रदर्शन ,लोकतंत्र की और अभिव्यक्ति की आज़ादी के नाम पर कुछ लोगों ने सड़कों पर हो हल्ला मचा रखा है फिर भी उनके खिलाफ सरकार कुछ नही कर पा रही तो वही दूसरी ओर सीएए के समर्थन में रविवार को बीजेपी कार्यकर्ताओं के द्वारा मध्यप्रदेश के राजगढ़ में तिरंगा रैली निकालने पर राजगढ़ की जिलाधिकारी ने बीजेपी कार्यकर्ता को ज़ोरदार तमाचा जड़ दिया,  जिससे समर्थन रैली में प्रशासन और बीजेपी के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुई शुरू हो गयी और मामले ने तूल पकड़ लिया।दरअसल राजगढ़ की जिलाधिकारी निधि निवेदिता ने धारा 144 लागू होने के चलते बीजेपी कार्यकर्ताओं को प्रदर्शन करने से रोका ,लेकिन कार्यकर्ता नही माने, इस दौरान दोनों ही पक्षो में जमकर बहस होने लगी कि तभी कलेक्टर साहिबा ने ना आव देखा ना ताव बीजेपी के मीडिया प्रभारी रवि बड़ोनिया को थप्पड़ जड़ दिया,जिसके बाद हालात और भी ज़्यादा बिगड़ गए पुलिस को लाठीचार्ज तक करना पड़ गया।मामले को बिगड़ता देख 

 डिप्टी कलेक्टर प्रिया वर्मा भी जब बीजेपी नेताओं की पिटाई करने लगी तो उनके साथ भी लोगों ने बदसलूकी की, इस दौरान उनके बाल भी खींचे,जिसके बदले में उन्होंने भी बीजेपी कार्यकर्ताओं को जमकर लताड़ा।



सोशल मीडिया में कलेक्टर के द्वारा मारे गए थप्पड़ का वीडियो तुरंत वायरल होने लगा जिसे देखकर मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कई ट्वीट कर कमलनाथ सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने ट्वीट किया, "प्रदेश में शासन-प्रशासन द्वारा कांग्रेस सरकार की चाटुकारिता के नये आयाम गढ़े जा रहे हैं! सरकार के तुगलकी फरमानों पर अमल में कौन रेस में पहले आता है, इसकी होड़ लगी है! कुछ अधिकारी भूल गए हैं कि वे किसी पार्टी के हुक्म बजाने के लिए नहीं बल्कि जनता की सेवा हेतु पद पर हैं"।

शिवराज सिंह ने आगे लिखा, "आज का दिन लोकतंत्र के सबसे काले दिनों में गिना जायेगा। आज राजगढ़ में डिप्टी कलेक्टर साहिबा ने जिस बेशर्मी से सीएए के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं को लताड़ा, घसीटा और चांटे मारे, उसकी निंदा मैं शब्दों में नहीं कर सकता। क्या उन्हें प्रदर्शनकारियों को पीटने का आदेश मिला था?"

कलेक्टर मैडम, आप यह बताइए कि कानून की कौन सी किताब आपने पढ़ी है जिसमें शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे नागरिकों को पीटने और घसीटने का अधिकार आपको मिला है? सरकार कान खोलकर सुने ले, मैं किसी भी कीमत पर मेरे प्रदेशवासियों के साथ इस प्रकार की हिटलरशाही बर्दाश्त नहीं करूंगा!