राहत -सामान्य बुखार की दवाई "पैरासिटामोल" से ठीक हुए तीन कोरोनाग्रसित मरीज,पैरासिटामोल के निर्यात पर लगी रोक।

कोरोना वायरस का अभी तक कोई एंटीडोट तो नही बन पाया है लेकिन एक पॉजिटिव खबर  केरल से आई है कि कोरोनाग्रसित मरीज का इलाज सामान्य  बुखार की दवाई पैरासिटामोल से हो सकता है।ये वही दवाई है जो अक्सर लोगो के घरों में आसानी से मिल जाती है।केरल में पैरासिटामोल से तीन कोरोनाग्रसित मरीज बिल्कुल ठीक हो गए हैं,हालांकि केरल के डॉक्टरों ने तीनों मरीजो की देखभाल करने में कोई कोर कसर नही छोड़ी थी।इतना ही नही केरल में डॉक्टरों की अगुवाई करने वाली  जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ के जे रीना 32 दिन तक और अलाप्पुझा की जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ अनिता दो सप्ताह तक अपने घर भी नही गई थी।

कोरोनाग्रसित तीनो मरीज चीन के वुहान से आये थे,और इन तीनो का इलाज जिला अस्पताल में चक रहा था,तीनो ही मरीजो को कोरोना के लिए बनाए गए विशेष आइसोलेशन वार्ड में रखा गया था,कोरोना की अब तक कोई निश्चित दवाई ना बन पाने के कारण डॉक्टरों ने तीनों मरीजो का इलाज आमतौर पर होने वाले निमोनिया, और बुखार के इलाज में इस्तेमाल की जाने वाली दवाईयों से किया,जिसमे पैरासिटामोल और अन्य दवाइयां शामिल थी,साथ ही साथ तीनो मरीजो की काउंसिलिंग भी की जाती रही।तीनो मरीजों का युवा होना उनके लिए फायदेमंद साबित हुआ क्योंकि युवाओं में रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक होती है ,इसीलिए सामान्य दवाइयों से तीनों मरीज कोरोना वायरस से जीत गए।

इस बीच केंद्र से लेकर राज्य सरकारों ने भी आपात बैठक बुलानी शुरू कर दी है और कोरोना वायरस से निपटने की तैयारी भी लगातार की जा रही है।केंद्र ने एक्सपोर्ट पॉलिसी में बदलाव करते हुए 26 दवाओं और फॉर्मुलेशन के निर्यात पर भी रोक लगा दी है,जिसमे पैरासिटामोल, टिनिडाजोल, निओमाइसिन समेत 26 दवाओं और फॉर्मुलेशन पर रोक लगाने का फैसला किया गया है। माना जा रहा है कि आपात स्थिति से निपटने के लिए सरकार ने तैयारी कर ली है। दवाओं की कमी न हो, इसलिए आवश्यक दवाओं के निर्यात पर रोक लगा दी गई है।