मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बैंगलुरू में आयोजित आठवें इन्वेस्ट नाॅर्थ कार्यक्रम में किया प्रतिभाग।

बैंगलोर में आयोजित आठवें इनवेस्ट नाॅर्थ कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने उत्तराखण्ड में निवेश के लिए उद्यमियों को आमंत्रित किया।उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में सेवा क्षेत्र विशेष तौर पर पर्यटन, बायो टेक्नोलाॅजी,नवीकरणीय ऊर्जा,फिल्म शूटिंग व सूचना प्रौद्योगिकी में निवेश की काफी सम्भावनाएं हैं।उत्तराखण्ड राज्य तेजी से निवेश के लिये मुख्य गंतव्य स्थल के रूप में विकसित हुआ है।पर्वतीय राज्यों द्वारा किए गए व्यापार सुधारों के मामले में उत्तराखण्ड अग्रणी है, उत्तराखण्ड सरकार,निवेशकों को आवश्यक सुविधायें प्रदान करने के लिए तत्पर है।गत दो वर्षाें में राज्य में निवेश के लिए सुनियोजित प्रयास किए गए हैं।उन्होंने उत्तराखण्ड में अक्टूबर,2018 में प्रथम इन्वेस्टर्स समिट ‘‘डेस्टिनेशन उत्तराखण्ड’’ के आयोजन का जिक्र करते हुए कहा कि उस समिट में देश व विदेश के 4000 से अधिक प्रतिनिधियों,निवेशकों,उद्योगपतियों ने प्रतिभाग किया था।शिखर सम्मेलन के दौरान 600 से अधिक निवेशकों के साथ विभिन्न क्षेत्रों में पूंजी निवेश के लिए रू. एक लाख चौबीस हजार करोड़़ से अधिक के प्रस्तावों के एमओयू किये गये।इन एमओयू के क्रियान्वयन के लिए ठोस पहल की गई है।इन्वेस्टर्स समिट के बाद के10 माह में लगभग रू. 17 हजार करोड़ से अधिक के पूंजी निवेश के प्रस्तावों की ग्राउण्डिंग की जा चुकी है।
मुख्यमंत्री ने राज्य में पर्यटन के क्षेत्र में निवेश की सम्भावनाओं के बारे में बताते हुए कहा कि उत्तराखण्ड भारत के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है।राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये नयी पर्यटन नीति-2018 लागू की गयी है,जिसका मुख्य उद्देश्य रिवर्स माइग्रेशन को सुगम बनाने,ग्रामीण पर्यटन को प्रोत्साहित करने और पारिस्थितिक पर्यटन,वैलनेस व साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देना है।राज्य के प्रत्येक जनपद में एक नया थीम बेस्ड डेस्टिनेशन विकसित किया जा रहा है।राज्य सरकार द्वारा पर्यटन को राज्य की आर्थिकी से जोड़ने के लिए उद्योग का दर्जा प्रदान दिया गया है।मुख्यमंत्री ने कहा 66 वें राष्ट्रीय फिल्म फेयर अवार्डस में उत्तराखण्ड का चयन मोस्ट फिल्म फ्रेंडली स्टेट के लिए किया गया है।राज्य सरकार की फिल्म नीति के कारण ही पिछले वर्ष 180 से अधिक फिल्मों की शूटिंग राज्य में की गईं,जो एक समर्पित क्षेत्र नीति का ही परिणाम है।