भारत के नए चीफ जस्टिस शरद अरविंद बोबड़े ने राष्ट्रपति भवन में ली शपथ।

63 वर्षीय जस्टिस शरद अरविंद बोबड़े ने आज भारत के 47वें मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ ले  अपना कार्यभार संभाला। उन्हें ये शपथ गोपनीयता के साथ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दिलवाई,जस्टिस शरद ने शपथ अंग्रेजी भाषा मे ली,शपथ समारोह राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में आयोजित किया गया था,जिसमे पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, समेत कई वरिष्ठ मंत्रीगण मौजूद रहे,इस अवसर पर पूर्व पीएम मनमोहन सिंह और पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी भी मौजूद थे।

चीफ जस्टिस शरद अरविंद बोबड़े लगभग 18 महीने तक सीजेआई के रूप में काम करेंगे और 23 अप्रैल 2021 को सेवानिवृत्त हो जायँगे।


अरविंद बोबड़े के संक्षिप्त परिचय  में इतना जान लीजिए कि वो नागपुर के रहने वाले है,और उनका पूरा परिवार वकीलों से भरा पड़ा है,उनके पिता महाराष्ट्र के एडवोकेट जनरल रह चुके हैं,बड़े भाई भी सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ वकील थे,पर उनका अब देहांत हो चुका है,चीफ जस्टिस शारद बोबड़े 1978 में बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र में इनरोल्ड हुए थे,शरद बोबड़े मध्यप्रदेश हाई कोर्ट में पूर्व चीफ जस्टिस भी रह चुके हैं,2013 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति दी गयी थी।

शरद बोबड़े कई महत्वपूर्ण बेंचो का हिस्सा  रह चुके है जिनमे ताज़ा बेंच अयोध्या मामले को लेकर थी,बोबड़े उस बेंच का भी हिस्सा बने थे जिसमें आदेश दिया गया था कि आधार कार्ड न रखने वाले किसी भी भारतीय नागरिक को सरकारी फायदों से वंचित नही किया जा सकता।शरद बोबड़े एक ऐसी याचिका को खारिज कर विवादों में आये थे जिसमें डाउन सिन्ड्रोम से पीड़ित एक महिला ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि वो अपना भ्रूण खत्म कर देना चाहती हैं, पर तब तक भ्रूण 26 हफ़्तों का बन चुका था और शरद बोबड़े ने चिकित्सको की रिपोर्ट के आधार पर उस महिला की याचिका खारिज कर दी थी रिपोर्ट के अनुसार भ्रूण इतना परिपक्व हो चुका था कि जन्म के बाद उसके जीवित रहने की संभावना ज़्यादा थी।

पटाखों पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा बैन लगाने वाली बेंच में भी शरद बोबड़े शामिल थे।