बार बार वोटर लिस्ट बदलने और मतदाताओं के नाम हटा देने का मामला हाईकोर्ट में अगले सोमवार तक हुआ नियत
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नैनीताल हाई कोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग व निर्वाचन आयोग भारत सरकार द्वारा चुनाव प्रक्रिया के दौरान बार बार वोटर लिस्ट बदलने पर और उसमे से मतदाताओ के नाम हटा देने के खिलाफ दायर याचिका में सुनवाई करते हुए अगली सुनवाई सोमवार की नियत की है ।
मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति आलोक सिंह की एकलपीठ में हुई। आपको बतादे कि देहरादून निवासी रविन्द्र जुगरान ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि पिछले विधान सभा के चुनाव में लाखो लोगो ने वोट दिया था परन्तु निकाय चुनाव में उन वोटरो के नाम उस वोटर लिस्ट से हटा दिया गया जबकि वे अभी भी उसी जगह रहते है यह तो भारतीय संविधान के अनुच्छेद 326 व जनप्रतिनिधि कानून के विरुद्ध है। इसके सम्बन्ध में याचिकर्ता ने 19 दिसम्बर 2018 को स्टेट इलेक्शन को प्रत्यावेदन भी दिया जिस पर इलेक्शन कमीशन ने जाँच करने को भी कहा है।
याचिकर्ता का यह भी कहना है कि जिस प्रकार केंद्र सरकार ने पूरे देश में जीएसटी लागु किया है उसी प्रकार वोटर आईडी को आधार से लिंक किया जाय। याचिकर्ता का यह भी कहना है कि चुनाव आयोग द्वारा निकाय चुनाव , विधान सभा के चुनाव में अलग व लोक सभा के चुनाव में हर बार अलग अलग वोटर लिस्ट तैयार की जाती है जो नियम विरुद्ध है।
जब वोटर आईडी को आधार से लिंक कर दिया जाता तो बार बार वोटर लिस्ट को बदलने की जरूरत ही नही पड़ती और लोक धन का दुरूपयोग भी नही होता जब वोटर आईडी ऑल ओवर इंडिया की एक ही है तो वोटर लिस्ट अलग अलग क्यों बनती है। सुनवाई के दौरान राज्य चुनाव आयोग के अधिवक्ता ने कोर्ट को अवगत कराया कि यह मामला केंद्रीय चुनाव आयोग से सम्बंधित है आज केंद्रीय चुनाव आयोग के अधिवक्ता मौजूद नही होने के कारण कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई सोमवार की तिथि नियत की है।