पड़ताल - क्या अमूल्या को जानबूझकर पूरी बात कहने से रोका गया? क्या वास्तव में अमूल्या ने भारतविरोधी नारा दिया?

बेंगलुरु में सीएए और एनआरसी के विरोध में एआईएमआईएम के चीफ असुद्दीन ओवैसी की मौजूदगी में अमूल्या नाम की एक छात्रा ने पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए जिसके बाद मंच पर हड़कंप मच गया और पुलिस ने अमूल्या को हिरासत में ले लिया।ये पूरा मामला अब सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रहा है । पाकिस्तान जिंदाबाद बोलने पर अमूल्या के ऊपर देशद्रोह के आरोप में आईपीसी की धारा 124A के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है ,पर सवाल ये उठता है कि क्या अमूल्या ने देश विरोधी कोई बयान दिया है? या उसने भारत के संविधान को नीचा दिखाने की कोशिश की या राष्ट्रीय चिन्हों का अपमान किया है? अमूल्या ने मंच पर अपनी बात पूरी कह भी नही पाई और उसे रोक दिया गया क्यों? अमूल्या ने पाकिस्तान ज़िंदाबाद कहा तो उसने इसके बाद कई बार भारत ज़िंदाबाद भी कहा न कि मुर्दाबाद । तो फिर अमूल्या पर देशद्रोह का मुकदमा क्यों ? अमूल्या की नारेबाजी से वहाँ मौजूद भीड़ में असंतोष और निराशा ज़रूर हुई होगी लेकिन अमूल्या का आधे अधूरे नारे से उस पर धारा 124A लगानी सही है या ग़लत । ये कुछ दिनों बाद कोर्ट में पता चल ही जाएगा ।
शायद पाकिस्तान की जगह किसी अन्य देश के ज़िंदाबाद के नारे लगे होते तो इतना बखेड़ा खड़ा ही न होता, लेकिन पाकिस्तान ज़िंदाबाद इसलिए देशविरोधी लग रहा है क्योंकि पाकिस्तान आतंकवाद का पर्याय बन चुका है और हमारी सोच में पाकिस्तान के लिए नफरत के बीज बो दिए गए हैं ।जहाँ एक तरफ़ हम पाकिस्तान ज़िंदाबाद को देशद्रोह मान बैठे है वही दूसरी तरफ़ सीएए जैसे क़ानून को बना कर पाकिस्तानी अल्पसंख्यक समाज को नागरिकता देने की भी बात करते है ।
अमूल्या ने भारत के अंदर भारत के ही एक मंच पर पाकिस्तान ज़िंदाबाद और हिंदुस्तान ज़िंदाबाद के नारे लगाए और बहुत कुछ वो और बोलना चाह रही थी लेकिन पुलिस और अन्य लोगों के द्वारा माईक छीन लिया गया , इस तरह के नारे लगाने के पीछे क्या कोई बड़ी वजह है जो राजनीतिक षड्यंत्र का हिस्सा है ? अमूल्या के कुछ और वीडियोज़ भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं जिसमे वो किसी एडवाइजरी की बात कह रही है, कि वो केवल एक चेहरा है और उसके पीछे कई बड़े एक्टिविस्ट, टीम और लॉबी है जो उसे ऐसा करने के लिए सपोर्ट करती है।ये वीडियो दिखने में काफी पुरानी लग रही है ओवैसी के मंच पर दिए गए नारे से भी इस वीडियो का कोई संबंध नही है लेकिन ये वीडियो भी अमूल्या के किसी तरह के विरोध प्रदर्शन के बाद ही लीक हुई होगी।अमूल्या बेंगलुरु के ही NMKRV कॉलेज की छात्रा है जो बीए पत्रकारिता से कर रही है।सूत्रों के अनुसार अमूल्या के पिता को उसका इस तरह विरोध प्रदर्शन करना नापसंद था,और उन्होंने कई बार अमूल्या को किसी विशेष समुदाय के साथ रहने को भी मना किया था, लेकिन वो नही मानी और आये दिन इस तरह की गतिविधियों में सक्रिय रहती है।फिलहाल ये पूरा मामला देशद्रोह को जताने की कोशिश या देश मे हिंसात्मक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए किसी और ही के द्वारा किये जाने का इशारा कर रहा है,जिसका खुलासा वक्त रहते भी लग ही जायेगा।