दो से अधिक बच्चे हैं, तो नहीं लड़ पाएंगे पंचायत चुनाव।

उत्तराखंड में अब दो से अधिक बच्चों वाले लोग पंचायत चुनाव नहीं लड़ पाएंगे| पिछले वर्ष इस बारे में पंचायतीराज मंत्री अरविंद पांडे ने अधिकारियों को मसौदा तैयार करने के निर्देश दिए थे जिसके तहत न्यूनतम शैक्षिक योग्यता निर्धारण के लिए हरियाणा व राजस्थान के पंचायती राज एक्ट का अध्ययन करने को कहा गया था। बीते 6 माह से चल रही इस कसरत के तहत पंचायतीराज विभाग ने इस बारे में न्याय विभाग से राय मांगी दो बच्चों के मामले में हरी झंडी पहले ही मिल गई थी, जबकि शैक्षिक योग्यता को लेकर मंथन चल था| अब राज्य सरकार विधानसभा के चालू सत्र में पंचायती राज एक्ट में संशोधन विधेयक लाने जा रही है| विधेयक पारित होने के बाद इसी के आधार पर पंचायत चुनाव होंगे| त्रिस्तरीय पंचायतों के लिए वर्ष 2016 में राज्य का अपना पंचायतीराज एक्ट अस्तित्व में आया। मौजूदा सरकार का एक्ट की कुछ व्यवस्थाओं में संशोधन का विचार है, इसके तहत एक्ट में नगर निकायों की भांति पंचायतों में भी चुनाव लड़ने के लिए दो बच्चों की शर्त के साथ ही पंचायत प्रतिनिधि के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता के निर्धारण पर जोर दिया गया | न्यूनतम शैक्षिक योग्यता के लिए हरियाणा मॉडल को उपयुक्त माना गया, वहां सामान्य वर्ग के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता हाई स्कूल, अनुसूचित जाति के लिए आठवीं और आरक्षित वर्ग की महिला के लिए पांचवी पास होना अनिवार्य है ऐसा ही अब उत्तराखंड में भी हो सकता है|