दुश्मन के छक्के छुड़ाने वाले पांच योद्धा राफेल विमान कुछ ही मिनटों में पहुंचेंगे अम्बाला

भारतीय वायुसेना का इतिहास में 29 जुलाई 2020 सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा,अत्याधुनिक तकनीक से लैस लड़ाकू विमान राफेल आखिरकार भारत पहुंच ही गया।यूएई से पांच राफेल विमानों ने भारतीय वायु बॉर्डर पर  शानदार एंट्री की ।पांच राफेल विमानों को अगल बगल से दो सुखोई 30 एस्कॉर्ट कर रहे हैं।राफेल विमान में ईंधन क्षमता 17 हज़ार किग्रा तक है वहीं एक राफेल दो इंजन वाला लड़ाकू विमान है जो भारतीय वायुसेना की अब पहली पसंद बन चुका है,क्योंकि राफेल को हर तरह के मिशन पर भेजा सकता है ये मल्टी मोड रडार से लैस है ,राफेल बेहतर तकनीक में उत्कृष्ट हवाई निगरानी, ग्राउंड स्पोर्ट,इन डेप्थ स्ट्राइक,एंटी शर्प स्ट्राइक,और परमाणु अभियानों को भी अंजाम देने सक्षम है।राफेल विमान अम्बाला एयरबस पहुंच चुका है



भारत-चीन सीमा पर तनातनी के बीच फाइटर प्लेन राफेल ने फ्रांस से अंबाला के लिए उड़ान भरी, ऐसे में अंबाला एयर बेस भी अब राफेल के स्वागत के लिए पूरी तरह तैयार है। इसी बीच अंबाला एयर बेस को लेकर सुरक्षा के बंदोबस्त भी कड़े कर दिए हैं। अब अंबाला एयरबेस के 3 किलोमीटर के दायरे को नो ड्रोन जोन घोषित कर दिया गया है। 

ये पांच विमान भारत और फ्रांस के बीच हुए 36 विमानों के समझौते की पहली खेप है। अब तक वायुसेना के 12 लड़ाकू पायलटों ने फ्रांस में राफेल लड़ाकू जेट पर अपना प्रशिक्षण पूरा कर लिया है। कुछ और अपने प्रशिक्षण के उन्नत चरण में हैं।

चीन के साथ जारी सीमा विवाद के बीच राफेल विमान का भारत पहुंचना महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इससे भविष्य में राफेल विमानों की डिलीवरी में तेजी आने की उम्मीद है। वायुसेना अधिकारियों ने कहा कि राफेल विमानों के आने के बाद वायुसेना की लड़ाकू क्षमताओं में और वृद्धि होगी। बता दें कि भारत ने लगभग 58 हजार करोड़ रुपये में 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने के लिए सितंबर 2016 में फ्रांस के साथ एक अंतर-सरकारी समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।