दिल्ली में चला "आप"का फंडा "फ़्री फ़्री फ़्री"। ग्राउंड रिपोर्टिंग तो यही कहती है।

लोग भले ही आज का चाणक्य गृह मंत्री अमित शाह को कहते हो पर दिल्ली की राजनीति के असली चाणक्य तो अरविंद केजरीवाल ही साबित हुए ।दिल्ली की 70 विधानसभा में से 62 सीटों पर अपनी ऐतिहासिक जीत बनाकर केजरीवाल ने फिर से ये साबित कर दिया कि दिल्ली "आप" की है।अरविंद केजरीवाल 14 फरवरी यानी वेलेंटाइन डे के दिन तीसरी बार दिल्ली के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं। इस खास मौके से पहले ही केजरीवाल ने दिल्ली की जनता को "आई लव यू" कहकर शुक्रिया भी कह दिया और वेलेंटाइन वीक भी मना लिया।
2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में जहाँ कांग्रेस का खाता भी नही खुला तो वहीं पूरे देश मे अपना परचम लहराने वाली बीजेपी को भी दिल्ली वालों ने एक साइड कर दिया,बीजेपी तो दहाई का आंकड़ा तक नही बना पाई।ऐसा क्या हुआ जो दिल्ली वालों का दिल ना तो बीजेपी जीत पाई और कांग्रेस तो दिल्ली के दिल को दूर से देख भी नही पाई।
केजरीवाल की "आप" के जीतने के जो मुख्य कारण रहे उनमें सबसे बड़ी वजह क्या " फ्री फ्री फ्री" का मंत्र रहा? इसका जवाब शायद हां है।दिल्ली में सरकार बनाने के बाद अरविंद केजरीवाल ने हर घर के लिए 20 हज़ार लीटर पानी फ्री कर दिया,गौर करने वाली बात ये है कि जैसे ही जाड़ो के दिन आने शुरू हुए केजरीवाल ने बड़ी ही चतुराई के साथ 200 यूनिट बिजली फ्री कर दी हालांकि इससे गरीब तबके के लोगों को फायदा ही हुआ है क्योंकि उनके लिए क्या गर्मी और क्या सर्दी। गरीब तो पूरे सालभर ही एक बराबर बिजली ही खर्च करता है।केजरीवाल की पार्टी आप का ये दावा भी है कि दिल्ली में 31 लाख घरों में बिजली का बिल शून्य आता है।आता ही होगा इसमें कोई दो राय नही।केजरीवाल ने सरकारी अस्पतालों ,और मोहल्ला क्लीनिक में लोगो का इलाज भी फ्री कर दिया,इतना ही नही ,कुछ नियम और शर्तों के साथ प्राइवेट अस्पतालों में भी इलाज और जाँचे फ्री करवा दी,बसों में महिलाओं के लिए यात्रा भी फ्री करवा दी। दिल्ली वालों को भी इतना कुछ फ्री में मिल रहा है तो उनकी बला से कोई भी पार्टी चुनाव में खड़ी हो वोट तो सबकुछ फ्री में देने वाले को ही जायेगा।अब ग्राउंड रिपोर्टिंग तो यही कहती है कि इतना सब कुछ फ्री में जिसे मिलेगा वो भला किसी और को वोट देगा भी क्यो?अरविंद केजरीवाल ने वाकई चाणक्य बुद्धि का इस्तेमाल करते हुए बूढ़े बच्चे, जवान और महिलाओं के हिसाब से क्या फ्री में देना चाहिए इस बात का पूरा ख्याल रखा,और फ्री का नतीजा ये निकला की 70 में से 62 सीटे आप के खाते में आ गयी।
दिल्ली में फिलहाल तो चारो ओर आप ही आप हो चुका है।8 सीटों पर बीजेपी को संतुष्ट होना पड़ेगा।पर कांग्रेस का तो सूपड़ा ही साफ कर दिया आप ने। कांग्रेस पार्टी का पतन तो दिल्ली में 2013 में नई नई आयी आप ने ही करना शुरू कर दिया था,लेकिन कांग्रेस ही समझी नही,कांग्रेस उलझी रही बीजेपी से उधर दोनों पार्टी की लड़ाई का फायदा उठाया आप ने।अब कांग्रेस की हालत ये है कि पार्टी में इस्तीफों का दौर शुरू हो गया है।11 फरवरी को दिल्ली विधानसभा चुनाव का रिज़ल्ट आया और उधर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने दिल्ली में हुई शर्मनाक हार की ज़िम्मेदारी लेते हुए इस्तीफे की पेशकश कर डाली,वही आज दिल्ली में कांग्रेस के प्रभारी पिसी चाको ने भी अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया है।देखा जाए तो दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का अब तक का ये सबसे ख़राब प्रदर्शन रहा,कांग्रेस के 63 उम्मीदवारों की जमानत ही जब्त हो गयी।कुलमिलाकर दिल्ली में फ्री का ही जादू चला आप मानो या ना मानो।