टपकेश्वर मंदिर में मनाई गई खड़ी होली

हुड़के की थाप, ढोल दमाऊ की ताल, मशकबीन की धुन में आज माता वैष्णो देवी गुफा योग मंदिर टपकेश्वर में "हमारी पहचान" रंगमंच के कलाकारों ने एक से बढ़कर एक  प्रसिद्ध कुमाउँनी  खड़ी होलियों की सुमधुर प्रस्तुति दी। होल्यारों का स्वागत आध्यात्मिक गुरु आचार्य बिपिन जोशी ने सभी होल्यारों को अबीर गुलाल लगाकर गुड़ ,सौप,मिश्री का प्रसाद देकर औऱ माला पहनाकर की। फिर होल्यारों ने सिद्धि के दाता विध्न विनाशन...... अम्बा के भवन में खेले होली..... शिव के मन माही बसे काशी जैसे सुमधुर होली गीतों को गाया गया।उत्तराखंडी वाद्ययंत्रों के साथ  होली के सुमधुर गीतों में होल्यारों के साथ साथ मंदिर में आये श्रद्धालु भी थिरकने को मजबूर हो गए। टपकेश्वर महादेव मंदिर में पुजारी भरत गिरी महाराज ने होल्यारों का पटका पहनाकर स्वागत किया। होल्यारों को आलू के गुटके, पहाड़ी चटनी प्रसाद में भेंट की गई।इस अवसर पर चार धाम विकास परिषद के उपाध्यक्ष आचार्य शिव प्रसाद ममगाई ने होल्यारों को शुभकामनाएं प्रदान की। माता वैष्णो देवी योग  गुफा मंदिर के संस्थापक आध्यात्मिक गुरु आचार्य बिपिन जोशी ने कहा कि होली को होड़दंग ना बनने दे, त्योहारों के मौलिक स्वरूप को बरकरार रक्खे। इस अवसर पर हमारी पहचान रंग मंच के अध्यक्ष केलाश पाठक, महासचिव बबिता साह लोहनी, कुर्मांचल सांस्कृतिक एवं कल्याण परिषद के अध्यक्ष कमल रजवार, डॉ0 मथुरा दत्त जोशी, मदन जोशी, कैलाश पाण्डेय, शेर सिंह बिष्ट, गणेश पाण्डेय, शेखर पांडेय, पूरण राणा, विनोद कांडपाल, गणेश कांडपाल, पुष्पा बिष्ट, लीला बिष्ट सहित काफी संख्या में होल्यार उपस्थित रहे