एक और बाबा पर लगे महिला शोषण के अलावा और भी संगीन आरोप।पत्रकार ने करवाई एफआईआर दर्ज।

ब्रज के मशहूर कथावाचक, गायक,और अध्यात्म गुरु देवकीनंदन ठाकुर को कौन नही जानता,जिस ओहदे पर वो हैं उस की गरिमा तार तार होती नजर आ रही है,क्योंकि उनके और उनके भाई सहित 6 लोगो के खिलाफ संगीन धाराओं में मुकदमे दर्ज हुए हैं।सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक देवकीनंदन उनके भाई विजय शर्मा और अन्य लोगो पर आरोप है कि इन सबने एक पत्रकार के घर जबरन घुसकर सारी हदें पार करते हुए उनकी पत्नी के साथ छेड़खानी और बदसलूकी की। थाना हाइवे क्षेत्र की राधवेली कालोनी निवासी पुष्पेंद्र कुमार आर्य ने,देवकीनंदन ,उनके भाई और अन्य लोगो के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट और आईपीसी की धारा 354,323,452,504,506 और 147 के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई है,और बताया कि वो एक पत्रकार है ,14 दिसंबर 2019 को हरियाणा की एक महिला ने देवकीनंदन के भाई श्याम सुंदर पर यौन शोषण का आरोप लगाया था,इस संबंध में  पीड़ित पत्रकार ने उक्त महिला की बाईट भी ली थी,पर महिला द्वारा दिये गए बयान से कहीं देवकीनंदन के भाई और उनकी छवि ना खराब हो जाये उन्होंने पीड़ित पत्रकार को खबर रोकने को कहा,पीड़ित ने खबर रोक भी दी थी लेकिन बावजूद इसके देवकीनंदन और उनके भाई पीड़ित पर आग बबूला ही रहे,पीड़ित का आरोप है कि 24 फरवरी की देर रात देवकीनंदन उनके भाई विजय,श्यामसुंदर, गजेंद्र,अमित और धर्मेंद्र उसके घर ज़बरदस्ती घुस गए और सारी हदें पार करते हुए जातिसूचक शब्दो और गाली गलौच के साथ मारपीट की साथ ही पीड़ित की पत्नी के साथ छेड़खानी और अभद्रता भी की।इस पर पीड़ित ने कानूनी कार्यवाही की बात की तो उन सबने जान से मारने की धमकी भी दी। पीड़ित ने 27 फरवरी को तहरीर दी,

क्योंकि 24 फरवरी की रात से ही पीड़ित की बेटी की तबियत खराब चल रही थी जिस वजह से वो तत्काल रिपोर्ट नही लिखवा पाए।इस पूरे मामले की विवेचना क्षेत्राधिकारी रिफायनरी कर रहे हैं।सीओ रिफाइनरी वरुण कुमार के अनुसार वारदात वाली जगह के सीसीटीवी फुटेज मंगवाए गए हैं,सबूत मिलने के बाद ही आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी।

ज्ञात हो कि देवकीनंदन ठाकुर हिंदू पुराण कथावाचक, गायक और आध्यात्मिक गुरु हैं। 1997 से ये श्रीमद भागवत कथा, श्री राम कथा, देवी भागवत, शिव कथा, भगवत गीता इत्यादि पर प्रवचन दे रहे हैं। 2015 में इन्हें यूपी रत्न पुरस्कार से सम्मानित भी किया जा चुका है।देवकीनंदन ठाकुर का जन्म 12 सितम्बर 1978 को उत्तर प्रदेश के मथुरा के ओहावा गाँव में हुआ था,कहा जाता है कि मात्र 6 साल की उम्र में वह घर छोड़कर वृंदावन पहुंच गये और ब्रज के रासलीला संस्थान में हिस्सा लिया, 13 साल की उम्र में उन्होंने श्रीमद्भागवतपुराण कंठस्थ कर लिया था,और 18 साल की उम्र में दिल्ली के श्रीराममंदिर में श्रीमदभागवत महापुराण के उपदेश लोगों को दिए। ये अभी तक हांगकांग, सिंगापुर, थाईलैंड, मलेशिया, डेनमार्क, स्वीडन, नॉर्वे और हॉलैंड जैसी जगहों में अपने कथाएं सुना चुके हैं। देवकीनंदन से पहले भी कई बाबाओं की पर्दे के पीछे की कहानियां सामने आ चुकी हैं जो धर्म की आड़ में महिलाओं का शोषण करते हैं, साथ ही अवैध कार्यो को भी बाबा का वेश धर कर पूरा कर लेते हैं उनमें से कई अभी जेल में हैं तो कईओ पर मुकदमा चल रहा है।